इटावा। 10 साल पहले मामूली विवाद में युवक को गोली मारकर घायल करने के दो आरोपियों को कोर्ट ने पांच-पांच साल की सजा सुनाई है। साथ ही 4500-4500 रुपये अर्थदंड भी लगाया गया है।

भरथना कोतवाली क्षेत्र की रहने वाली मीनादेवी ने अपने बेटे को गोली मारकर जानलेवा हमला करने की रिपोर्ट 5 अक्तूबर 2013 को भरथना कोतवाली में दर्ज कराई थी। इसमें कहा था कि उनका बेटा सुधीर कुमार 5 अक्तूबर की शाम 6 बजे घर से कुछ ही दूरी पर स्थित दुकान से पेठा लेने गया था। जब वह वापस आकर घर के अंदर आने लगा तभी हृदयराम, सुभाषचंद्र, राजू, राजेंद्र प्रसाद ने घेर लिया और गालीगलौज करते हुए मारपीट करने लगे।

आरोप लगाया कि विरोध पर सुभाष चंद्र ने गोली चला दी। गोली बेटे के पेट में लगी और वह गिरकर तड़पने लगा। गोली की आवाज सुनकर बचाने पहुंची सुधीर कुमार की पत्नी को देखते ही राजेंद्र प्रसाद ने राइफल से गोली चला दी। यह देखकर सुधीर की पत्नी ने खंभे की आड़ लेकर खुद को बचाया। गोली चलाने के बाद सभी जान से मारने की धमकी देकर चले गए। हमलावरों के जाने के बाद घायल सुधीर को अस्पताल में भर्ती कराया गया। इलाज से सुधीर कुमार ठीक हो गए।

मीनादेवी ने पुलिस को बताया था कि बेटे पर छोटी सी बात को लेकर हमला किया गया था। पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज करने के बाद विवेचना की और सुभाष चंद्र व राजेंद्र प्रसाद को आरोपी मानते हुये चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की। मामले की सुनवाई एडीजे प्रथम की कोर्ट में हुई। पीड़ित पक्ष की ओर से एडीजीसी देवेंद्र तिवारी ने पैरवी की। न्यायाधीश रामचंद्र यादव प्रथम ने मामले की सुनवाई करते हुए आरोपों को सही माना और दोनों आरोपियों सुभाष चंद्र व राजेंद्र प्रसाद को पांच पांच साल की सजा सुनाई।



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