-इलाज में लापरवाही बरतने मेंं मरीज की मौत का मामला

संवाद न्यूज एजेंसी

इटावा। इलाज में लापरवाही बरतने में मरीज की मौत होने पर जिला अस्पताल के डॉक्टर सहित छह कर्मचारियों पर सिविल लाइन थाने में मुकदमा दर्ज हुआ है। पिता की मौत के बाद पुत्र ने डॉक्टर और कर्मचारियों पर लापरवाही बरतने का डीएम को शिकायती पत्र दिया था।

इकदिल थाना क्षेत्र के भवानीपुर निवासी औसान सिंह ने थाने में दिए प्रार्थना पत्र में बताया कि 29 अक्टूबर 2022 को सुबह करीब 11 बजे उसके पिता विद्याराम की तबीयत खराब होने पर जिला अस्तपाल लेकर पहुंचा था। जहां इमरजेंसी में मौजूद डाॅक्टर व कर्मचारियों ने इलाज करने से मना कर दिया लेकिन पीड़ित के ज्यादा जोर देने पर उन्हें भर्ती कर लिया गया पर कोई उपचार नहीं किया गया। सिर्फ वार्ड में भर्ती करके ऑक्सीजन लगाकर छोड़ दिया था। दूसरे दिन 30 अक्टूबर 2022 को सुबह करीब नौ बजकर बीस मिनट पर विद्याराम की तबीयत काफी बिगड़ गयी। मरीज के पुत्र ने मौके पर मौजूद डाॅक्टर से पिता को देखने को कहा तो डाॅक्टर व वहां मौजूद छह लोगों ने औसान सिंह व उसकी मां द्रोपदी के साथ गाली-गलौज व मारपीट की। मरीज के लगा ऑक्सीजन हटाकर तीन इंजेक्शन लगा दिये, जिससे हालत और ज्यादा बिगड़ गई। पीड़ित ने जब पिता को रेफर करने के लिए कहा तो डाॅक्टर राघवेंद्र, स्टाफ कर्मचारी सुशील दीक्षित, पवन कुमार, मनोज कुमार शाक्य, फार्मासिस्ट संतराम ने मना कर दिया। जिससे विद्यासागर की मौत हो गई। पीड़ित ने जिलाधिकारी को शिकायती पत्र सौंपकर जांच की मांग की। जिसपर डीएम ने एसडीएम को जांच के आदेश दिए। एसडीएम की जांच के बाद सिविल लाइन थाने में डाॅक्टर राघवेंद्र, स्टाफ कर्मचारी सुशील दीक्षित, पवन कुमार, मनोज कुमार शाक्य, फार्मासिस्ट संतराम व एक अन्य कर्मचारी पर मुकदमा दर्ज हुआ है।



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