इटावा। वायरल की वजह से खांसी, जुकाम और बुखार से ग्रसित लोगों की संख्या में कमी नहीं आ रही है। डेंगू के संदिग्ध मरीजों के मिलने का क्रम भी बना हुआ है। शुक्रवार को 42 में से तीन संदिग्ध डेंगू मरीज मिले। लेकिन अब प्रदूषित पानी की वजह से लोग पीलिया से ग्रसित भी हो रहे हैं। ऐसे मरीजों की संख्या भी धीरे-धीरे बढ़ती जा रही है।
शुक्रवार को जिला अस्पताल में 1310 मरीजों ने पर्चे बनवाए। इनमें करीब साढ़े आठ सौ मरीज वायरल और पेट संबंधी रोगों के रहे। जिला अस्पताल की पैथोलॉजी में सवा तीन सौ से अधिक मरीजों ने खून की जांच कराई। इनमें 80 मरीजों ने मलेरिया की जांच कराई, लेकिन जांच रिपोर्ट में एक भी मलेरिया मरीज नहीं मिला। जबकि 42 मरीजों ने डेंगू की जांच कराई, इनमें डेंगू के तीन संदिग्ध मरीज मिले।
इनमें एआरटीओ कार्यालय के नजदीक रहने वाले अजय, सैफई क्षेत्र के दीपक यादव व उदी मोड़ की मोना शामिल हैं। अब तक 621 मरीज डेंगू की जांच करा चुके हैं, इनमें से डेंगू के 53 संदिग्ध मरीज मिल चुके हैं। शुक्रवार को जिला अस्पताल में डेंगू के पांच सदिग्ध मरीज भर्ती थे। जिला अस्पताल में तीन अगस्त से लेकर आठ सितंबर तक 621 मरीजों ने डेंगू की जांच कराई, इनमेंं से डेंगू के 53 संदिग्ध मरीज मिल चुके हैं। जबकि सैफई में एलाइजा जांच में 12 डेंगू मरीज मिल चुके हैं।
पीलिया के बढ़ते मरीजों के बारे में डॉ.शांतनु निगम ने बताया कि इन दिनों 20 प्रतिशत मरीज पीलिया के आ रहे हैं। इस बीमारी से बचने के लिए लोगों को स्वच्छता पर विशेष ध्यान देना होगा। प्रदूषित पानी पीने, रखा और बासी खाना खाने से बचें। साथ तैलीय खाने से भी परहेज करें। बताया कि पीलिया कई वजह से हो सकता है। इसमें लगातार बिना बताए दवाएं खाना। कुछ बीमारियाें से भी पीलिया हो जाती है।
डॉ.शांतनु निगम ने बताया कि पीलिया से बचाव के लिए हरी सब्जियों का सेवन करें। इनमें मूली, लौकी, तौरई खाएं। पपीते का सेवन करें व गन्ने का जूस पीएं।