इटावा। शुक्रवार की सुबह करीब साढ़े छह बजे से शुरू हुई मूसलाधार बारिश की वजह से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। सुबह अचानक से जोरदार बारिश शुरू हो गई, लोगों को लगा कि बारिश थोड़ी देर में थम जाएगी। लेकिन देखते-देखते करीब चार घंटे बीतने के बाद ही बारिश थमी। इस वजह से गलियों व सड़कों में पानी भर गया, इससे लोगों को आवागमन में दिक्कत का सामना करना पड़ा।
सुबह शुरू हुई जोरदार बारिश की वजह से विकास भवन परिसर में जलभराव हो गया। इस वजह से कर्मचारियों को परिसर में भरे पानी में घुसकर कार्यालय आना पड़ा। जिला अस्पताल परिसर में कार्डियोलॉजी विभाग से लेकर महिला अस्पताल के प्रसव गृह व आयुष विभाग की ओपीडी तक जलभराव रहा। जलभराव होने की वजह से रैन बसेरा और जन औषधि केंद्र तक लोगों का जाना मुश्किल भरा रहा। ज्यादातर लोगों का दोपहिया वाहनों का सहारा लेना पड़ा।
जिला अस्पताल परिसर में जलभराव होने की वजह से मरीजों व लोगों को पर्चा बनवाने के लिए घूमकर यानी ब्लड बैंक के सामने से पैथोलॉजी लैब होते हुए लंबा रास्ता काटकर जाना पड़ा। जबकि हड्डी संबंधी मरीजों को ट्रामा सेंटर तक जाने वाले रास्ते पर भी जलभराव था। राहत की बात यह रही कि सीटी स्कैन सेंटर की मशीन खराब होने की वजह से इस रास्ते से जाने वाले मरीजों व तीमारदारों की संख्या कम रही। ट्रामा सेंटर जाने वाले ज्यादातर लोग अस्पताल के अंदर होते हुए काफी लंबा रास्ता तय करने के बाद पहुंचे।
जलभराव प्रधान डाकघर, रेलवे कॉलोनी, लाइनपार क्षेत्र के कई मोहल्लों अथवा आबाद होती शहर की नई कॉलोनियों में देखने को मिला। बारिश की वजह से फ्रेंड्स काॅलोनी, रामनगर, विजय नगर, पचावली चौराहा के आसपास के मोहल्लें के लोगों को ओवरब्रिज निर्माण कार्य के दौरान फिसलन भरी सड़क से आवागमन करने में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
ओपीडी में 775 मरीज आए, डेंगू के दो मरीज मिले
बारिश की वजह से शुक्रवार को जिला अस्पताल की ओपीडी में 775 मरीज आए। जबकि इस सप्ताह पिछले चार दिनों से 12 से लेकर डेढ़ हजार मरीज आए। पैथोलॉजी लैब में 28 मरीजों ने किट से डेंगू की जांच कराई, जिसमें दो संदिग्ध डेंगू मरीज निकले। संक्रामक वार्ड में शुक्रवार को एक और डेंगू मरीज भर्ती होने से संख्या सात पहुंच गई। जबकि महिला व शिशु वार्ड में बुखार से ग्रसित नौ बच्चे व 11 महिलाएं भर्ती हैं।
पैथोलॉजी लैब में 21 अगस्त से लेकर 20 सितंबर तक 1055 डेंगू मरीजों की किट से जांच हुुई, जिसमें 99 संदिग्ध मरीज निकले। जबकि 2080 मलेरिया मरीजों की जांच हुई इसमें चार मलेरिया पॉजिटिव निकले।