संवाद न्यूज एजेंसी, इटावा
Updated Tue, 29 Aug 2023 12:19 AM IST
ताखा। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास के लिए पांच बार आवेदन किया। मेरे ही सामने तब से कइयों को घर मिला, पर मेरा नंबर नहीं आया। जिम्मेदार हर बार अगली बार कहकर अपनी ड्यूटी पूरी कर लेते हैं। चार लोगों के परिवार के साथ झोपड़ी में छत के सपने देख-देख कर जिंदगी कट रही है। यह दर्द है ग्राम पंचायत समथर के मजरा नगला पछांय की किशन देवी का है।
गांव की बस्ती के आखिर में टूटी-फूटी झोपड़ी दिखेगी। इसमें किशन देवी का परिवार रहता है। खेती के लिए जमीन नहीं होने से परिवार का पेट भरने के लिए दो बेटों के साथ मजदूरी करती हैं, तब जाकर दो वक्त का भोजन मिलता है। किशन देवी ने बताया कि कभी-कभी मजदूरी नहीं मिलने पर आस-पड़ोस से उधार लेकर काम चलाना पड़ता है। पति ध्यान सिंह दमा की बीमारी से ग्रसित होने से घर पर ही रहते हैं। दो बेटों के साथ मेहनत मजदूरी करके झोपड़ी में बड़ी मुश्किल से गुजारा होता है। अगर आवास मिल जाता तो उनकी जिंदगी संवर जाती और रहने को छत मिल जाती। बीडीओ ताखा राजकुमार शर्मा ने बताया कि आवास के लिए पात्रों को आवास योजना में वरीयता के साथ जोड़ा जाएगा। जल्द ही उक्त परिवार का सर्वे कराएंगे और सचिव से रिपोर्ट लेंगे।