कानपुर। रामादेवी सब्जी मंडी के पास सोमवार सुबह सड़क पार करते समय ट्रक ने नौबस्ता थाने में तैनात कांस्टेबल जयवीर सिंह (32) को रौंद दिया। उसकी मौके पर ही मौत हो गई। वह दो माह से गैर हाजिर चल रहे थे।

मूलरूप से इटावा के लखना देहात निवासी उमेश चंद्र के पुत्र जयवीर सिंह नौबस्ता थाने की विराटनगर चौकी में तैनात थे। वह पत्नी सपना व बच्चों जैसमीन (03) और डेढ़ साल के बेटे अयांश के साथ चकेरी थाने के क्वार्टर में रहते थे। सोमवार सुबह रामादेवी सब्जी लेने गए थे। सड़क पार करने के दौरान रामादेवी की तरफ से आ रहे ट्रक ने रौंद दिया। जयवीर की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे के बाद चालक ट्रक लेकर भाग निकला। सूचना पर पहुंची पुलिस ने जयवीर के पिता को फोन कर घटना की जानकारी दी।

दोपहर बाद पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे पिता, मां शशि देवी, छोटे भाई वेद प्रकाश, राहुल, बुआ रेखा, ताऊ राकेश कुमार आदि शव देखकर बेहाल हो गए। पिता उमेश ने बताया जयवीर तीन भाइयों में सबसे बड़ा था। ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर ने परिजनों को सांत्वना दी। पोस्टमार्टम के बाद पुलिस लाइन में सलामी के बाद परिजन शव लेकर गृह जनपद इटावा के लिए रवाना हो गए।

विवादों से भी जुड़ा रहा नाता

जयवीर कई थाना प्रभारियों का कारखास रहा। इसके साथ ही उसका विवादों से भी नाता रहा है। जयवीर ने पिछले साल नवंबर में अपने व्हाट्सएप स्टेटस पर सुसाइड नोट लगाकर सनसनी मचा दी थी। जिसमें उसने पुलिस अफसर, इंस्पेक्टर, महिला सिपाही और मीडियाकर्मियोंं का नाम लिख दिया था। हरकत में आई पुलिस ने सर्विलांस की मदद से पोस्टमार्टम हाउस के पास से पकड़ा था। पुलिस अधिकारियाें ने उसका मानसिक संतुलन खराब होने का हवाला देते हुए 24 दिन की छुट्टी पर भेज दिया था। इसके अलावा वह कई विवादित व्हाट्सएप स्टेटस लगाता रहा है। वहीं, साढ़ थाने में तैनाती के दौरान भी अपने सहकर्मी के साथ मारपीट की थी। जिसके बाद तत्कालीन एसपी आउटर ने लाइन हाजिर कर दिया था। यही नहीं चकेरी थाना परिसर में रहते हुए उसने थानाप्रभारी से भी कई बार अभद्रता की। सहकर्मियों की माने तो उसका मानसिक संतुलन ठीक नहीं था। वह अक्सर सुसाइड करने की बात कहता था।

2016 में हुआ था भर्ती, रक्षाबंधन में जाना था गांव

पिता उमेश ने बताया कि जयवीर वर्ष 2016 में भर्ती हुआ था। उसकी पहली पोस्टिंग कानपुर में हुई थी। यहां वह महाराजपुर, साढ़, सचेंडी, घाटमपुर, चकेरी और नौबस्ता में तैनात रहा। दो माह से गांव नहीं आया था, लेकिन अपनी मां शशि देवी से वीडियोकॉलिंग पर रोज बात करता था। रविवार रात को मां से बात की। कहा था कि रक्षाबंधन पर परिवार संग घर आएगा। इसबीच सोमवार सुबह करीब 11 बजे सड़क हादसे में उसकी मौत की खबर आई। यह सुनने के बाद मां शशि देवी अचेत हो गई।



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