इटावा। मुठभेड़ में गिरफ्तार बदमाश मुनेश ने 17 साल पहले डकैत जगजीवन के साथ चौरेला कांड को अंजाम दिया था। गिरफ्तार आरोपी डकैत जगजीवन परिहार का दाहिना हाथ है। गैंग की सक्रियता 2021 में पशु व्यापारी का अपहरण कर फिरौती के मांगने सामने आई थी। इस घटना के बाद गैंग के सात सदस्य जेल जा चुके हैं। अपहरण के मामले में फरार चल रहे बदमाश पर पुलिस ने 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था।
एसएसपी संजय कुमार वर्मा ने बताया कि मुनेश यादव उर्फ दद्दा निवासी सुल्तानपुर, थाना रम्पुरा, जनपद जालौन के पास से दिल्ली से चोरी की गई स्कूटी, एक तमंचा बरामद किया गया है। मुनेश 12 मुकदमों में फरार चल रहा था। उसके खिलाफ हत्या, अपहरण, लूट, डकैती, हत्या के प्रयास के मुकदमे इटावा जनपद के थाना बिठौली, इकदिल के अलावा जनपद झांसी के थाना समथर व नवाबाद में तथा स्कूटी चोरी का मुकदमा दिल्ली में दर्ज है। इकदिल के अनुराग यादव ने थाना इकदिल पर रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि 15 नवंबर 2021 को गोविंद राजपूत द्वारा अपने साथियों के साथ मिलकर उनके पिता हरेंद्र यादव का अपहरण कर लिया गया। फिरौती के तौर पर दो लाख रुपये व दो अंगूठी की मांग की गई। इस घटना के बाद थाना इकदिल पुलिस ने हरेंद्र को सकुशल मुक्त कराने के बाद सात आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। तभी प्रकाश में आए फरार मुनेश यादव उर्फ दद्दा की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम प्रयासरत थी। बुधवार रात पुलिस टीम मुनेश को ग्वालियर बाईपास से सुनवारा पुल के पास से मुठभेड़ में गिरफ्तार करके जेल भेज दिया। उस पर पशु व्यापारी के अपहरण के बाद ही 25 हजार रुपये का इनाम घोषित हुआ था। वर्ष 2006 में मुनेश ने डकैत जगजीवन परिहार के साथ चौरेला कांड को अंजाम दिया था। बिठौली थाने के चौरेला गांव में गैंग ने होली के त्योहार पर एक ग्रामीण को जलती हुई होली में फेंक दिया था और दो लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। दस्यु सरगना जगजीवन परिहार को पुलिस मुठभेड़ में मार गिराया गया था।