जसवंतनगर। विकास खंड की ग्राम पंचायत खेड़ा बुजुर्ग के ग्राम प्रधान राजकमल यादव को डीएम ने कारण बताओ नोटिस जारी कर एक सप्ताह में स्पष्टीकरण मांगा है। कारण बताओ नोटिस में ग्राम प्रधान पर शासकीय धनराशि के दुरुपयोग और अपव्यय किये जाने जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं।

नगला भगवंत निवासी शिकायतकर्ता रामवीर सिंह ने डीएम को 15 जून को शिकायती पत्र देते हुए बताया था कि वर्ष 2016 में उसकी निजी भूमि संख्या 1381 पर कार्यदायी संस्था राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद ने निर्माण कार्य कराए थे। इसे लेकर कार्यदायी संस्था और शिकायतकर्ता के बीच माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद में वाद प्रचलित है। इसी दौरान खेड़ा बुजुर्ग के ग्राम प्रधान ने कार्यदायी संस्था द्वारा कराए गए कार्यों पर ही बिना अनुमति व सहमति के छह कार्यों को कार्य योजना में प्रस्तावित कर दिया। जिसकी शिकायत उच्च अधिकारियों से की गई।

जांचोपरांत ग्राम पंचायत में प्रस्तावित कार्यों को स्थगित कर दिया गया। अप्रैल माह में ग्राम प्रधान राजकमल यादव आदि ने स्थगित कार्यों पर निर्माण करा दिया जिसमें चार पुलिया, नाला, नाली आदि निर्माण शामिल हैं। ग्राम प्रधान आदि ने द्वेषभावना के चलते शिकायतकर्ता के घर को जाने वाले रास्ते पर पुलिया के नाम पर ऊंची- ऊंची दीवार बना दी, जिससे जलभराव व आवागमन अवरुद्ध हो गया। जिसकी शिकायत डीएम से की गई उन्होंने शिकायत को गंभीरता से लेते हुए जिला विकास अधिकारी, जिला पंचायत राज अधिकारी और उपजिलाधिकारी, जसवंतनगर की संयुक्त टीम गठित कर समूचे प्रकरण की जांच करने के निर्देश दिए।

गठित टीम ने नगला भगवंत जाकर ग्राम प्रधान व अन्य के द्वारा कराए गए कार्यों को जन उपयोगी नहीं पाया और निर्माण कार्य आबादी के सामान्य स्तर से काफी ऊपर कराया जाना पाया। जिसके चलते न ही पानी की निकासी संंभव है और न ही आवागमन सुलभ है। गठित टीम ने ग्राम प्रधान व अन्य के द्वारा कराए गए कार्यों को श्रमदान घोषित करने की आख्या डीएम को प्रेषित की। जिसके उपरांत डीएम ने ग्राम प्रधान राजकमल यादव, पंचायत सचिव को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए एक सप्ताह के अंदर स्प्ष्टीकरण मांगा है।



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