चकरनगर। चंबल का आंचल राष्ट्रीय जलीय जीव डॉल्फिन को रास आ गया। सहसों से पचनद के बीच आठ किमी के दायरे में चंबल की गोद में आधा सैकड़ा डॉल्फिन का कुनबा अठखेलियां करते दिखता है। इस क्षेत्र में विदेशी सैलानियों की भी बड़ी संख्या में आमद हो रही है और सहसों डॉल्फिन केंद्र पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होने लगा है।

चंबल किनारे बने इस दर्शन केंद्र से डॉल्फिन की अठखेलियां देखने के लिए आसपास के गांवों के लोगों के अलावा औरैया, जालौन, झांसी, मैनपुरी, दिल्ली, हरियाणा, पानीपत, मध्यप्रदेश के जनपद भिंड, ग्वालियर सहित अन्य जनपदों से लोग पहुंच रहे हैं। इसके साथ ही विदेशी पर्यटक भी आने लगे हैं। ग्रामीणों और विभाग के प्रयास से सहसों डॉल्फ़िन वन विश्राम गृह पर स्वच्छता रहती है। इससे यहां डॉल्फिन का स्थायी बसेरा है। इस स्थान से आप कभी भी डॉल्फ़िन के दर्शन और अठखेलियां करते देख सकते हैं। संरक्षण के लिए विभाग ने 20 किमी क्षेत्र में आखेट प्रतिबंधित किया है। सहसों को डॉल्फिन संरक्षण केंद्र बनाने का प्रस्ताव शासन को भेजा जा चुका है।इनसेटइनसेट

डॉल्फिन की संख्या में लगातार हो रही वृद्धि

चंबल सेंचुरी रेंजर हरि किशोर शुक्ला के अनुसार, इटावा स्थित चंबल सेंचुरी के सहसों के 40 किलोमीटर क्षेत्र में बड़ी संख्या में डॉल्फिन पाई जाती हैं। चंबल नदी में 1979 में डॉल्फिन के महज पांच जोड़े थे। अब यहां पर डॉल्फिन की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। इस स्थान पर 70 से 90 के करीब डॉल्फिन दिखाई देने लगी हैं। सैलानी यहां बैठकर डॉल्फिन की अठखेलिया देखते हैं। साल 2012 के सर्वे में महज 74 थीं। 2022 हुए सर्वे में राष्ट्रीय चंबल सेंचुरी प्रोजेक्ट के बाह और इटावा रेंज में डॉल्फिन की गणना के ताजे परिणाम बेहद उत्साहजनक मिले। चंंबल में 174 डॉल्फिन रिकॉर्ड की गई हैं। इनमें से 150 इटावा क्षेत्र और 24 वाह क्षेत्र में हैं।

डॉल्फिन की अठखेलियां कैमरे में कैद कर रहे पर्यटक

चंबल पुल और डॉल्फिन वन विश्राम गृह सेल्फी प्वाइंट बन गए हैं। खासतौर पर चंबल में अठखेलियां करती डॉल्फिन को देखने और तस्वीरों में उसे कैद करने के लिए दूर-दूर से लोग यहां पहुंचते हैं। प्रशासनिक अधिकारियों के परिवारों को भी चंबल का किनारा काफी पसंद आ रहा है। सेंचुरी विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, यहां डॉल्फिन की संख्या अब दोगुनी हो गई है। चंबल में डॉल्फिन के गोते लगाने का दृश्य यहां आने वाले पर्यटकों को खूब लुभा रहे हैं। लोग डॉल्फिन के साथ सेल्फी ले रहे हैं तो कई लोग इन आकर्षक पलों को अपने मोबाइल कैमरे में कैद कर रहे हैं।

डॉल्फिन सफारी खुलने की उम्मीद

चंबल सेंचुरी में अठखेलियां करती डॉल्फिन, घड़ियाल, मगरमच्छ, कछुए, पक्षियों और प्राकृतिक सुंदरता से गुलजार चंबल सेंचुरी में अब जल्द ही डॉल्फिन सेंचुरी क्षेत्र घोषित होने की उम्मीद है। राष्ट्रीय चंबल सेंचुरी प्रोजेक्ट की उप वन संरक्षक आरुषि मिश्रा ने शासन को एक प्रस्ताव भेजा है। इसमें डॉल्फिन सेंचुरी के लिए इटावा स्थित राष्ट्रीय चंबल सेंचुरी के सहसों क्षेत्र का चयन किया है। इसमें जगतोली, सहसों डॉल्फिन गृह, सिद्धनाथ मंदिर, महुआ सूडा चार सेल्फी पॉइंट चयनित किए हैं। आरुषि मिश्रा ने बताया कि डॉल्फिन सफारी के लिए भारत सरकार ने दो स्थानों को प्रमुखता दी है। शासन स्तर पर प्रस्ताव विचाराधीन है। जल्द प्रस्ताव को मंजूरी मिलने की संभावना है। इससे इको टूरिज्म और डॉल्फिन कंजर्वेशन की दिशा में सरकार का बड़ा कदम है। यहां बड़ी संख्या में डॉल्फिन पाई जाती हैं।



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *