संवाद न्यूज एजेंसी, इटावा
Updated Mon, 04 Dec 2023 12:18 AM IST
इटावा। इफ्को ने पायलट प्रोजेक्ट के रूप में जिले में फसलों पर ड्रोन से नैनो यूरिया और कीटनाशकों का छिड़काव शुरू कराया है। अधिकारियों का दावा है कि इससे किसानों को अतिरिक्त श्रम, समय और पैसे की बचत होगी।
किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार खेती को आधुनिक तकनीक से कराने पर जोर दे रही है। विकसित भारत संकल्प यात्रा के दौरान इफ्को ने जिले को चार ड्रोन दिए हैं। इसके माध्यम से किसानों की फसलों में नैनो यूरिया और डीएपी का मुफ्त में छिड़काव कराया जा रहा है। इसकी शुरुआत जिले के अलग-अलग स्थानों पर कर दी गई है। इफ्को के क्षेत्रीय अधिकारी सौरभ पांडे ने बताया कि शनिवार को ब्लॉक बसरेहर के ग्राम चौबिया के किसान सुरजीत सिंह के गेहूं के खेत में ड्रोन से छिड़काव किया गया।
सभी ग्राम पंचायतों में होगा छिड़काव
इफ्को के सौरभ पांडे ने बताया कि अभी ड्रोन विकसित भारत संकल्प यात्रा के साथ चल रहे हैं। यात्रा 23 नवंबर से शुरू हो गई है जो 26 जनवरी 2024 तक चलेगी। इन दो महीने में सभी ग्राम पंचायतों में प्रत्येक दिन दो से तीन किसानों के खेत में ड्रोन के माध्यम से निशुल्क छिड़काव कराया जाएगा। अब तक 60 से अधिक किसानों के खेत में छिड़काव कराया जा चुका है।
दावा किया कि ड्रोन से उर्वरक एवं दवाओं के छिड़काव में जहां लागत कम आएगी, वहीं समय के साथ पानी की बचत होगी। ड्रोन की टंकी दस लीटर की है। यह ड्रोन 10 से 15 मिनट में एक एकड़ में छिड़काव कर देगा। जबकि मशीनों से एक एकड़ के छिड़काव में आठ से 10 घंटे लगते हैं। वहीं एक एकड़ में एक बोतल नैनो डीएपी व यूरिया का प्रयोग होता है। यूरिया 225 रुपये और डीएपी 600 रुपये की है। इन उत्पादों में केमिकल नहीं होता है। इसे पर्यावरण प्रदूषण नहीं होता है। मृदा भी स्वस्थ रहती है तथा कृषि कार्य के लिए पानी की 90 प्रतिशत तक की बचत की जा सकती है।