फोटो 28:::कुदरैल ग्राम पंचायत में उक्त स्थान पर तालाब बनाने के लिए चार लाख 57 हजार का एस्टीमेट तैयार किया गया, लेकिन वर्तमान में तालाब की जगह झाड़ियां खड़ी हैं। संवाद

– शिकायत पर डीपीआरओ ने जांच कमेटी की गठित- जांच में बड़ा घोटाला हो सकता उजागर

संवाद न्यूज एजेंसी

इटावा/ताखा। शासन ने पंचायतों को बेहतर सुख सुविधाएं व विकास कार्य कराने के लिए बीते 2015-21 पंचवर्षीय योजना में बड़ा बजट दिया है। इसमें दो साल में ढाई करोड़ रुपये खर्च करके विकास कार्य भी दिखा दिए गए, लेकिन जमीन पर काम नहीं दिखने पर शिकायत की गई। इस पर जिम्मेदारों ने पत्रावली खंगाली तों सिर्फ 30 लाख रुपये के कामों के एस्टीमेट के कागज मिल सके।

ग्राम पंचायत कुदरैल में वित्तीय वर्ष 2018-19 में ग्राम निधि से 1 करोड़ 18 लाख 46 हजार 617 रुपये विकास कार्य में खर्च किए गए, लेकिन अभिलेखों के नाम पर कुछ नहीं बनाया गया। इसी तरह वर्ष 2019-20 वित्तीय वर्ष में 1 करोड़ 37 लाख रुपये 14 रुपये विकास कार्य में खर्च किए गए, लेकिन जमीन पर यह काम नजर नहीं आए।

सुखैया गांव के मुकेश कुमार इसकी शिकायत डीएम व डीपीआरओ से लिखित व आईजीआरएस के माध्यम से शासन से शिकायत की। इसमें उन्होंने तत्कालीन ग्राम प्रधान व सचिव पर ग्राम निधि के करोड़ों रुपये का दुरुपयोग कर गबन करने का आरोप लगाया है और कमेटी गठित कर जांच कराने की मांग की गई है।

मामला संज्ञान में आने पर प्रशासन और जिला पंचायतीराज विभाग में खलबली मच गई। वर्तमान ग्राम प्रधान और सचिव ने बजट की पत्रावलियां खंगाली तो कुछ भी नहीं मिला। सिर्फ तीस लाख रुपये के तालाब, नालियां निर्माण समेत तमाम कामों के एस्टीमेट के कागज मिले हैं। पंचायत की बही खाता में इस बजट का कोई जिक्र तक नहीं किया गया है।

वहीं डीपीआरओ बनवारी सिंह ने तीन सदस्यीय टीम गठित करके जांच करानी शुरू कर दी है। जांच में बड़ा घोटाला सामने आ सकता है। पंचायत सचिव ने विकास कुमार ने बताया कि चार्ज में पुराने अभिलेख अधूरे मिले खर्च का कोई ब्योरा नहीं है। पैसा खर्च हुआ। इसके लिए खाताबही होनी चाहिए थी, लेकिन नहीं मिली। उच्चाधिकारियों को इस सबंध में अवगत करा दिया गया है। जांच के आधार और आगे के निर्देशों के अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।

वर्जन

तत्कालीन प्रधान राधाकृष्ण से बात की गई तो उन्होंने बताया कि फर्जी शिकायतें की जा रही है। अभिलेखों का कार्य तत्कालीन सचिव की ओर से किया गया। उन्होंने क्यों पंचायत घर पर उपलब्ध नहीं कराए। इसमें मेरी भूमिका साफ है।

वर्तमान ग्राम प्रधान जिलेदार सिंह से बात कि गई तो उन्होंने बताया कि पंचायत के पैसे का बंदरबांट कर दिया गया। कोई अभिलेख उपलब्ध नहीं कराया गया। जांच में पूरा मामला स्पष्ट निकलकर आएगा।

बीडीओ राजकुमार शर्मा ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है। पंचायत में कराए गए कामों की जांच पड़ताल की जा रही है। फिलहाल कुछ पत्रावलियां नहीं मिली हैं। इस संबंध में संबंधितों को जल्द नोटिस जारी किया जाएगा।



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