इटावा। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट प्रथम दिलीप कुमार सचान ने पांच साल पुराने दहेज हत्या के एक मामले की सुनवाई करते हुए साक्ष्यों के अभाव में आरोपी पति व सास को बरी कर दिया।

औरैया जिले के अजीतमल के मोहल्ला आजाद नगर निवासी गीता देवी ने दर्ज कराई रिपोर्ट में आरोप लगाया था कि उसने पुत्री ज्योति उर्फ पूजा की शादी दो जून 2017 को इकदिल कस्बे के मोहल्ला चमरैटी निवासी मनीष कुमार के साथ की थी। शादी में उसे अपनी सामर्थ्य के अनुसार दहेज दिया था। लेकिन पूजा के ससुरालीजन इससे संतुष्ट नहीं थे। वह अतिरिक्त दहेज के रूप में बाइक व दो लाख रुपये मांग रहे थे।

मांग पूरी न होने पर ससुरालियों ने उसे जहर खिला दिया। हालत बिगड़ने पर उसे पीजीआई में भर्ती कराया गया, जहां 24 सितंबर 2017 को उसकी मौत हो गई। इस संबंध में पुलिस ने पति मनीष, सास सरला देवी व ससुर रघुवीर के अलावा अन्य परिवारी जनों के खिलाफ मामला दर्ज किया। बाद में पुलिस ने छानबीन के बाद मनीष, सरला देवी व रघुवीर के खिलाफ आरोप पत्र कोर्ट में पेश कर दिए। सुनवाई के दौरान रघुवीर की मौत हो गई।

मामले की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट प्रथम में हुई। बचाव पक्ष की ओर से संश्लेष पोरवाल ने पैरवी की। उनके द्वारा पेश किए सबूतों को अभियोजन पक्ष के वकील काटने में सफल नहीं हो सके। साक्ष्यों के अभाव में कोर्ट ने पति मनीष व सास सरला देवी को बरी कर दिया।



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