सैफई। उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय परिसर में निर्माणाधीन 500 बेड सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल का गुरुवार को जिलाधिकारी अवनीश कुमार राय ने निरीक्षण किया। उन्होंने धीमी गति से निर्माण कार्य होने पर नाराजगी जताते हुए कार्यदायी संस्था के अधिकारियों से नवंबर तक कार्य पूरा कराने का निर्देश दिया। कहा कि अस्पताल नवंबर तक शुरू होना है।

लगभग चार महीने पूर्व मई में डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने निर्माणाधीन सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल का दौरा किया था। उस समय उन्होंने कार्यदायी संस्था से नवंबर माह में कार्य पूर्ण करने का निर्देश दिया था। जिलाधिकारी ने तैयारियों का जायजा लेने के लिए सैफई पहुंचे। इस दौरान एसडीएम सुशांत श्रीवास्तव, प्रशासनिक अधिकारी भी साथ रहे। जिलाधिकारी ने कार्यदायी संस्था राजकीय निर्माण निगम के प्रोजेक्ट मैनेजर एके सिंह एवं प्रोजेक्ट मैनेजर विद्युत गिरीश चंद्र वर्मा से विस्तार से बात की। साथ ही टेंडर पर कार्य करने वाली संस्था एसएसके कंट्रक्शन लखनऊ, मै. कृष्ण रेफ्रिजरेशन लखनऊ,मैं. एसकेबी फायर एसोसिएट बनारस के अधिकारियों से वार्ता करने के दौरान नाराजगी जताई। कहा कि कार्य बहुत ही धीमी गति से हो रहा है। इसमें तेजी लाएं। हर हाल में नवंबर महीने में कार्य पूर्ण होना चाहिए।

सपा शासनकाल में उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय के परिसर में वर्ष 2014 में 500 बेड के सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल बनाने का फैसला लिया गया था। उस समय इसकी लागत 333.56 करोड़ थी, जो 2016 में बढ़कर 463.28 करोड़ रुपये हो गई थी। वर्ष 2018 में इस योजना की लागत 537.26 करोड़ रुपये बढ़कर हो गई।

प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद सैफई में विकास कार्य रोक दिए गए। बाद में इसकी लागत को कम करने के लिए 25 मार्च 2019 को शासन स्तर पर एक समिति का गठन किया गया। समिति की रिपोर्ट और संस्तुति के आधार पर योजना का फिर परीक्षण किया गया। इसके बाद योजना की लागत घटकर 489.88 करोड़ रह गई थी। शासन ने 29 नवंबर 2021 को 25 करोड़ रुपये जारी कर दिए थे। बाद में करीब 60 करोड रुपये की और जरूरत थी। अप्रैल 2023 में शासन से बजट मिलने के बाद निर्माण कार्य दोबारा से शुरू किया गया था।



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