इटावा। सफारी पार्क में शनिवार को शेरनी सोना के पांचवें शावक की मौत सांस नली में दूध फंसने से होने की बात सामने आई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह बात सामने आने का चिकित्सकों ने दावा किया है।

शेरनी के पांचवें शावक की जन्म के 36वें दिन मौत होने के बाद प्रबंधन में खलबली मच गई। शावक के शव का सफारी पार्क में बने पोस्टमार्टम हाउस में मथुरा वेटनरी के डॉ. आरपी पांडे, पशुपालन विभाग जसवंतनगर में तैनात डॉ. नीरज मिश्रा और सफारी के डॉ. रॉबिन यादव के पैनल ने पोस्टमार्टम किया। इसके बाद रविवार दोपहर प्रबंधन की ओर से प्रेसवार्ता करके स्थिति को स्पष्ट किया गया।

टीम में शामिल चिकित्सक डॉ. आरपी पांडेय पे बताया कि शावक स्वस्थ था और उछलकूद कर रहा था। वह बोतल से लगातार दूध भी पी रहा था। शनिवार रात को उसने 70 एमएल के स्थान पर 10 एमएल दूध ही पिया। फिर उसने उल्टी कर दी। पोस्टमार्टम में पता चला कि यह उल्टी से निकला दूध उसकी सांस नली में फंस गया था। प्रथम दृष्टया यह उसकी मौत की वजह है। आईवीआरआई बरेली इसे लेकर आगे भी जांच करेगा। बताया कि शावक को बचाने के लिए दो घंटे तक प्रयास हुए। उसे मुंह से सांस भी दी गई, लेकिन सफलता नहीं मिली।

वहीं निदेशक दीक्षा भंडारी ने बताया कि सफारी पार्क प्रबंधन की ओर से दिन रात नन्हें शावक की 36 दिन तक देखभाल की गई। 36 दिनों कई बार शावक का स्वास्थ्य बिगड़ा, लेकिन मुस्तैद कर्मचारियों ने स्थितियों को संभाला। पशु चिकित्सकों का तो यह भी मानना था कि जिस प्रकार की देखभाल सफारी पार्क प्रबंधन की ओर से शावक को दी जा रही है। उससे बड़ा होकर यह शेर बनकर इटावा सफारी पार्क प्रबंधन को मिसाल के तौर पर स्थापित करेगा, लेकिन उसकी मौत हो गई।

सफारी पार्क के भालू सफारी में मादा भालू कुनी की 11 अगस्त की रात में मृत्यु हो गई है। उसके शव के पोस्टमार्टम के लिए पं दीन दयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय एवं गो अनुसंधान संस्थान, मथुरा भेज दिया गया है। मादा भालू कुनी 31 जुलाई 2007 को उड़ीसा के जंगलों से लगभग नौ माह की आयु में रेस्क्यू कर नंदनकानन जूलाॅजिकल पार्क, भुवनेश्वर (उड़ीसा) से लाई गई थी। जहां से 6 मार्च 2017 को नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान, लखनऊ लाई गई। 3 अप्रैल 2017 को इटावा सफारी पार्क लाई थी।

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने विधानसभा के मानसून सत्र में शुक्रवार को लायन सफारी की बदहाली का मुद्दा उठाया था। उन्होंने कहा था कि शेरनी सोना के गर्भवती होने की जानकारी सफारी प्रशासन को थी। आईवीआरआई बरेली से भी इसकी रिपोर्ट आ चुकी थी। इसके बाद भी सफारी प्रशासन ने लापरवाही की। शेरनी सोना ने पांच शावकों को जन्म दिया। इनमें से चार शावकों की मौत हो गई, उन्होंने कहा कि सफारी की व्यवस्था दुरुस्त नहीं है। बता दें कि सोना के पहले शावक की मौत को लेकर भी अखिलेश यादव ने ट्वीट करके नाराजगी जताई थी।

इटावा लायन सफारी में शेरनी सोना ने छह जुलाई की दोपहर 1:51 बजे पहले शावक को जन्म दिया। जोकि स्वस्थ था। पहले शावक के जन्म के 75 घंटे के बाद शेरनी सोना ने 9 जुलाई की शाम 7:49 बजे एक मृत शावक को जन्म दिया। उसके 10 सेकेंड बाद ही एक जीवित शावक को भी जन्म दिया। 7:57 बजे पर शेरनी सोना ने अपने मृत शावक के पिछले हिस्से को दांत मारकर क्षतिग्रस्त किया था। इसके बाद रात 8:00 बजे एक और शावक को जन्म दिया। 10 जुलाई की सुबह 5:32 बजे शेरनी सोना ने पांचवें शावक जन्म दिया। इसके बाद जीवित शावकों को शेरनी से अलग करके नियो नेटल सेंटर में लाया गया था। जहां जीवित शावक को निगरानी में रखा गया था। 13 जुलाई को तीसरे शावक जिसका जन्म 9 जुलाई को हुआ था उसकी मौत हो गई। चौथे शावक की भी सुबह 8:00 बजे उपचार के दौरान मौत हो गई। 12 अगस्त की रात पांचवें शावक की भी मौत हो गई।

इटावा लायन सफारी में पहली बार मां बनी शेरनी सोना ने 4 दिन के मतलब 100 अंदर 5 शावकों को जन्म दिया था। यह बात भी एक ऐतिहासिक थी, किसी शेरनी ने 100 घंटे में पांच शावकों को जन्म दिया था। सफारी के साथ ही वाइल्ड लाइफ समेत सभी विशेषज्ञ रिसर्च भी कर रहे हैं।



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