चकरनगर। कार्तिक पूर्णिमा पर पचनद संगम पर स्नान पर्व और मेला का शुभारंभ 27 नवंबर को होगा। इससे पूर्व 26 नवंबर की शाम यमुना की महाआरती होगी।
पचनद संगम समिति के अध्यक्ष बापू सहेल सिंह परिहार ने बताया कि कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान की परंपरा हजारों वर्ष पुरानी है। इस तिथि पर वैदिक काल से ही ऋषि, राजा, महाराजा एवं सहित लाखों श्रद्धालु पवित्र जल में स्नान करके अपने जीवन को धन्य करते हैं। यमुना की महाआरती 26 नवंबर शाम छह बजे से करवाई जाएगी। अगले दिन सोमवार को ब्रह्म मुहूर्त में प्रातः तीन बजे से स्नान प्रारंभ हो जाएगा। पवित्र संगम पर क्षेत्रीय लोगों के अलावा जनपद सहित जालौन,औरैया, कानपुर देहात, कानपुर नगर, मैनपुरी, झांसी, मध्य प्रदेश के भिंड, ग्वालियर तथा मुरैना के लोगों के आने की संभावना है।
श्रद्धालु ऐतिहासिक महाकालेश्वर बाबा के पावन स्थान पर जलाभिषेक कर मत्था टेक अपनी मनोकामना पूर्ण करने के लिए मन्नत मांगते हैं। एसडीएम ब्रम्हानंद ने बताया कि कार्तिक पूर्णिमा पर लगने वाले मेले की प्रशासनिक तैयारियां लगभग पूरी कर ली गई हैं। नौकाओं, गोताखोरों और वाहनों के खड़े करने की समुचित व्यवस्था की गई है।
एक से पांच लाख तक पहुंच जाती है बकरियों की कीमत
कार्तिक पूर्णिमा पर पचनद संगम पर लख्खी मेला के साथ-साथ बीहड़ क्षेत्र की प्रसिद्ध जमुना पारी बकरी की प्रदर्शनी भी लगाई जाती है। इसमें क्षेत्र के किसान अपनी-अपनी बकरियां लेकर पहुंचते है। मेला में एक से पांच लाख तक की बकरियों की खरीद फरोख्त की जाती है। प्रदर्शनी में बेस्ट जमुना पारी अवार्ड भी दिया जाता है। क्षेत्रीय पशुपालक अपनी बकरियों को सजाकर मेला में पहुंचते हैं।
पुलिस ने बनाए 14 ड्यूटी प्वाइंट
सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस प्रशासन ने भी तैयारी की कमर कस ली है। बिठोली तिराहा, पचनदा पुल बैरियर, थाना बिठोली बैरियर, स्नानघाट स्थल, मंदिर मोड़ तिराहा, मंदिर परिसर सहित 14 ड्यूटी प्वाइंट बनाए गए है।
ऐसे पहुंच सकते हैं पचनद
1-इटावा से पचनद मेला की दूरी 55 किमी है। बकेवर हाईवे से उतरकर लखना- सिंडोस मार्ग होते हुए चकरनगर हनुमंतपुरा चौराह पर पहुंच सकते हैं। यहां से 19 किमी पश्चिम की ओर फूप चौरेला मार्ग से होते हुए पचनद पहुंच सकेंगे।
2- इटावा से उदी होते हुए वाया चकरनगर से हनुमंतपुर चौराह पर पहुंच सकते हैं। यहां से पचनद मेला तक आसानी से पहुंचा जा सकता है। वहीं, भिंड ,ग्वालियर और मुरैना के श्रद्धालु फूप पहुंचकर चौरेला मार्ग होते हुए पचनद पर पहुंच सकते हैं।