इटावा। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट प्रथम दिलीप कुमार सचान ने छह साल पुराने पत्नी की हत्या के मामले में पति को उम्रकैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने उस पर 12 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना अदा न करने पर छह माह का अतिरिक्त कारावास काटना पड़ेगा। कोर्ट ने सास को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया।
जिला शासकीय अधिवक्ता शिव कुमार शुक्ला ने बताया कि भरथना क्षेत्र के गांव काठमऊ निवासी मुन्नी देवी ने पुत्री प्रिया लता की शादी नौ जून 2008 को फ्रेंड्स कालोनी क्षेत्र के मोहल्ला राम नगर निवासी सुनील से की थी। शादी में हैैसियत के अनुसार दान दहेज दिया था, लेकिन प्रिया लता के ससुराली संतुष्ट नहीं थे। अतिरिक्त दहेज की मांग को लेकर प्रिया लता के ससुराली उसका उत्पीड़न करने लगे।
मायके वालों ने काफी समझाया, लेकिन बात नहीं बनी। ससुरालियों ने 13 अक्तूबर 2017 को प्रिया लता की हत्या कर दी। हत्या की जानकारी मिलने पर मायके पक्ष के लोग मौके पर पहुंचे और पुलिस को सूचना दी। मां मुन्नी देवी की तहरीर पर पुलिस ने पति सुनील व सास लज्जावती के खिलाफ मामला दर्ज किया था। पुलिस ने छानबीन के बाद दोनों के खिलाफ आरोप पत्र कोर्ट में पेश किया था।
सुनवाई अपर जिला न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट प्रथम में हुई। अपर जिला शासकीय अधिवक्ता तरुण शुक्ला व बलबीर सिंह राजपूत की ओर से पेश किए साक्ष्यों व गवाहों के आधार पर कोर्ट ने पति सुमित को हत्या का दोषी पाकर उम्रकैद की सजा सुनाई।