इटावा। टूंडला-कानपुर के मध्य इटावा महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशन है। यहां से देश और प्रदेश की राजधानी पहुंचने की सुविधा मिलने के अलावा मध्य प्रदेश के ग्वालियर भी आसानी से ट्रेन के जरिए पहुंचा जा सकता है। लेकिन करीब एक महीने से प्लेटफार्म नंबर एक से दो, तीन, चार व पांच को जाने वाला फुट ओवरब्रिज बंद होने की वजह से यात्रियों को काफी दुश्वारियों का सामना करना पड़ रहा है।

इस फुट ओवरब्रिज से यात्री कुछ ही समय में प्लेटफार्म दो, तीन, चार व पांच पर पहुंच जाते थे। करीब महीने भर पूर्व एफओबी का प्लास्टर टूटकर प्लेटफार्म नंबर दो पर गिरने से रेलवे प्रशासन के हादसे की आशंका की वजह से बंद कर दिए जाने से यात्रियों को आवागमन में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसके लिए उन्हें नए बने फुट ओवरब्रिज से आना जाना पड़ रहा है, जिसमें काफी समय लग रहा है। ऐसे में समय बचाने के लिए ज्यादातर यात्री लाइन पार करने लगते हैं। खासकर प्लेटफार्म नंबर दो पर ट्रेन से उतरने के बाद एक नंबर पर आने के लिए मजबूरी में यात्रियों को यह जोखिम उठाना पड़ता है।

दिक्कत उम्र दराज यात्रियों को होती है। उन्हें जैसे तैसे लिफ्ट तक ले जाने के बाद अन्य प्लेटफार्मों पर ले जाना पड़ता है। करीब आठ साल पहले स्टेशन को जंक्शन स्टेशन का दर्जा मिलने के बाद यहां कई यात्री सुविधाओं में बढ़ोत्तरी हुई। साथ ही कई महत्वपूर्ण ट्रेनों का ठहराव ही नहीं हुआ, बल्कि कोटा राजस्थान जाने वाली एक्सप्रेस भी रोजाना यहीं से खुलतीं हैं। हरिद्यवार के लिए भी लिंक एक्सप्रेस के जरिए पहुंचा जा सकता है। रेलवे स्टेशन पर दोनों ओर से आवागमन करने वाली 82 ट्रेनों का ठहराव है। इसमें ईएमयू ट्रेनें भी शामिल हैं।

जंक्शन स्टेशन पर नई दिल्ली से लखनऊ व कानपुर सेंट्रल से नई दिल्ली के बीच चलने वाली शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेनों का लंबे समय से ठहराव है। रोजाना करीब 15 हजार या इससे अधिक यात्री इटावा से अपनी यात्रा शुरू करते हैं। नई दिल्ली जाने वाली ज्यादातर ट्रेनें प्लेटफार्म नंबर दो पर आती हैं। जबकि कानपुर की ओर जाने के लिए प्लेटफार्म नंबर तीन व चार पर ट्रेनें आती हैं। लेकिन सुबह झांसी जाने व आने वाली तथा शाम को कोटा जाने व दोपहर में आने वाली एक्सप्रेस यात्रियों को प्लेटफार्म नंबर चार व पांच से पकड़नी पकड़ती है। रेलवे स्टेशन से 545 दैनिक यात्री हैं जो आवागमन करते हैं। ऐसे में इन यात्रियों का सबसे ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

विपुल कुमार ने बताया कि उन्हें कानपुर से आना जाना पड़ता है। पुल के बंद होने से दिक्कत हो रही है। बताया कि नए पुल पर बंदरों का आंतक रहता है। बंदरों के काटने के डर से जाने में डर लगता है। पॉलिथिन लेकर चलना आसान नहीं है।

मनोज द्यिवेदी ने बताया कि रक्षाबंधन के बाद बहन को ट्रेन में बैठाने गए तब पता चला कि पुल बंद है। नए पुल से जाना पड़ा। पुल से लंबी दूरी तय करने के बाद प्लेटफार्म नंबर तीन पर जाना पड़ा। इसमें काफी समय लगा। पुल जल्द ठीक कराया जाए।

वर्जन

फुट ओवर ब्रिज को ठीक कराने के लिए आईओडब्ल्यू विभाग को सूचित कर चुके हैं। क्यों निर्माण कार्य शुरू नहीं हो रहा है। जानकारी कराते हैं। यात्रियों की सुरक्षा की दृष्टि से पुल बंद करा दिया था। -पीएम मीना, स्टेशन अधीक्षक।

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