इटावा। बंदरों और कुत्तों के आतंक से शहर के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों के भी लोग परेशान हैं। शहरी क्षेत्र में ही एक माह में करीब डेढ़ हजार लोग कुत्तों और बंदर के शिकार हुए हैं। लंबे समय से कुत्तों को पकड़ने का अभियान नहीं चलाया गया तो बंदरों के लिए चला अभियान वाइल्ड लाइफ की आपत्ति के बाद टल गया।

कटखने बंदर और खूंखार कुत्ते शहर के कई मोहल्लों में लोगों के लिए खौफ बने हुए हैं। प्रतिदिन बड़ी संख्या में लोग इनका शिकार बन रहे हैं। मोहल्ला करौल, घटिया अजमत अली, पक्का तालाब, बजरिया नगरा, पुरानी दीवानी के पीछे, केके डीसी के पास, सिविल लाइन, चौगुर्जी, स्टेशन रोड आदि मोहल्लों में बंदर सुबह से लेकर रात तक आतंक मचाए रहते हैं। इस वजह से लोगों का सड़क पर निकलना और छत पर जाना तक दूभर हो गया है।

सर्दियों में लोग छत पर धूप लेने तक के लिए नहीं बैठ पा रहे हैं। सामान लेकर घर जा रहे लोगों को भी काटकर उनसे खाने पीने का सामान बंदर छीन रहे हैं। वहीं, कुत्ते भी गली-गली लोगों को काट रहे हैं। कुत्तों को पकड़ने के लिए नगर पालिका की ओर से सालों से अभियान नहीं चलाया गया है। वहीं बंदराें के लिए अभियान शुरू तो किया गया था, लेकिन उन्हें जंगल क्षेत्र में छोड़ने पर वाइल्ड लाइफ ने आपत्ति जता दी थी। इस पर अभियान को टाल दिया गया है। अब नगर पालिका की ओर से मथुरा की कंपनी को दिए गए ठेके का काम रोका गया है। अब बंदरों को सफारी और सेंक्चुअरी क्षेत्र से दूर छुड़वाने की योजना तैयार होने के बाद अभियान चलाया जाएगा।

जिला अस्पताल में नवंबर में 805 लोगों ने लगवाए टीके

जिला अस्पताल में प्रतिदिन बड़ी संख्या में लोग रैबीज के इंजेक्शन लगवाने पहुंच रहे हैं। नवंबर माह में अकेले लगभग 805 लोगों ने टीके लगवाए हैं। इनमें से कुछ लोग छोड़ दिए जाएं तो अधिकांश शहरों के ही लोग हैं। वहीं, करीब इतने ही लोगों ने इस माह में निजी अस्पतालों में रैबीज के इंजेक्शन लगवाए हैं।

स्टेशन पर यात्री होते परेशान::::

रेलवे स्टेशन परिसर में भी बंदरों का आतंक है। आएदिन यहां बंदर यात्रियों के सामान खींचकर ले जाते हैं। मंगलवार दोपहर प्लेटफार्म नंबर एक पर कुली खाना खा रहा था। वह खाने के बाद पीने के लिए कोल्ड ड्रिंक ले गया था। उसे पास में ही रखे था। इस बीच वहां आया बंदर बोतल उठाकर ले भागा।

लोगों की बात

फोटो 18:::::

शहर लवेदी क्षेत्र के गांव मलपुरा से आए किशोर अभय प्रताप सिंह ने बताया कि दो दिसंबर को कुत्ते ने पीछे से आकर उछलकर बांह पर काट लिया था। घर वालों ने एक इंजेक्शन उसी दिन लगवा दिया था। गांव से परिवार के साथ किशोर आया था।

फोटो 19:::::

मानिकपुर मोड़ से आए आठ वर्षीय बालक वैभव ने बताया कि उसे भी तीन दिन कुत्ते ने हाथ के ऊपर काट लिया था। उस समय खेल रहे थे, दौड़कर आए कुत्ते ने काट लिया था। एक इंजेक्शन लगवा चुके हैं। दूसरा इंजेक्शन लगना है इसलिए आए हैं।

वर्जन

वाइल्ड लाइफ की आपत्ति की वजह से बंदर पकड़ने का अभियान टाला गया है। जल्द ही उसे शुरू कराया जाएगा। वहीं, कुत्तों को पकड़ने के लिए भी अभियान चलाने की योजना जल्द बनाई जाएगी। -विनयमणि त्रिपाठी, ईओ



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *