सैफई। मौसम के उतार-चढ़ाव के साथ ही बुखार के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। बीते एक सप्ताह में ही सैफई मेडिकल कॉलेज की ओपीडी में दो हजार मरीज उपचार करा चुके हैं। इनमें से आधे मरीज वायरल की चपेट में आए हुए हैं।
सैफई मेडिकल कॉलेज की ओपीडी में प्रतिदिन तीन से साढ़े तीन हजार मरीज दिखाने आ रहे हैं। इनमें से बड़ी संख्या में मरीज मौसमी बीमारियों की जकड़ में आने वाले हैं। शनिवार को भी लगभग तीन हजार मरीज ओपीडी में दिखाने आए। इनमें से कमरा नंबर 18 में प्रो. डॉ. पंकज कुमार व 19 में प्रो. डॉ. रमाकांत रावत के पास ही अकेले साढ़े तीन सौ मरीजों ने दिखाया। इनमें से अधिकांश बुखार व पेट दर्द से पीड़ित थे।
डॉ. रमाकांत रावत ने बताया कि बारिश के मौसम में डेंगू मलेरिया और टाइफाइड होने का खतरा बढ़ जाता है। यह सभी ऐसी बीमारियां हैं जो मच्छरों के काटने से होती हैं। इससे बचने के लिए पूरी सतर्कता बरतना जरूरी है। एक सप्ताह में लगभग दो हजार मरीज बुखार के दिखाने आए हैं। इनमें से लगभग एक हजार मरीज वायरल की चपेट में हैं। बचे हुए मरीज टायफाइड, मलेरिया की चपेट में आए हैं।
मच्छरों से कैसे करें बचाव
डॉ. रमाकांत रावत ने बताया कि इस मौसम में मच्छरों से बचना बहुत जरूरी है। ऐसे में अगर आप बाहर जा रहे हैं तो मॉस्किटो रेपेलेंट का इस्तेमाल करें। घर में हैं तो मच्छरदानी का इस्तेमाल कर सकते हैं। घर में सफाई को रखना जरूरी है। अगर आपके घर पर कूलर है तो उसे साफ करें। साथ ही उसकी जाली को चेंज करें। अगर चेंज नहीं कर सकते हैं तो इन्हें अच्छे से साफ करें। गमलों को आसपास जमा पानी को साफ करें। अगर घर में कोई फ्लावर पार्ट है तो उसके पानी को हर दूसरे दिन बदलें। उन्होंने आगे बताया कि शाम के समय मच्छर बहुत ज्यादा होते हैं। ऐसे में जब जरूरी हो तभी बाहर निकलें। वहीं, घर पर खिड़की और दरवाजे को बंद रखें। वेंटीलेशन के लिए आप गेट खोलकर नेट लगा सकते हैं। आप ऐसे कपड़े पहनें जिससे आपकी स्किन ढंकी रहे।