इटावा। 15 और 16 नवंबर को नौ घंटे के अंतराल में हुए दो ट्रेन हादसों की जांच करने मंगलवार को आगरा से बम निरोधक दस्ता जांच करने के लिए पहुंचा। टीम ने जंक्शन पर खड़े जले कोचों के साथ ही क्लोन एक्सप्रेस के घटनास्थल सरायभूपत स्टेशन से भी साक्ष्य जुटाए हैं। हादसा स्थल से टीम को ब्रीफकेस की एक लंबी स्टील की एक पत्ती मिली है। माना जा रहा है कि इस ब्रीफकेस में रखे सामान की वजह से ही हादसा हुआ होगा।
ट्रेन हादसों के मामले में 19 नवंबर को जीआरपी की ओर से सरकारी संपत्ति को क्षति पहुंचाने की रिपोर्ट दर्ज करने के बाद पुलिस ने जांच पड़ताल शुरू की है। इसी क्रम में एसपी जीआरपी आगरा आदित्य लांग्हे के निर्देश पर मंगलवार को आगरा ताज सुरक्षा बम निरोधक दस्ता ने इटावा पहुंचकर वैशाली एक्सप्रेस के स्लीपर कोच में लगी आग के घटना स्थल का निरीक्षण किया। जंक्शन स्टेशन से करीब दो किलोमीटर बम निरोधक दस्ते में शामिल अधिकारियों ने शिवा कॉलोनी व अड्डा जालिम के बीच से गुजरे रेलवे ट्रैक 1158/18 से लेकर 1158/16 किलामीटर डाउन ट्रैक पर करीब 100 मीटर की दूरी तक जांच की।
टीम ने जले हुए सामानों के कणों नमूने लिए। साथ ही खोजी कुत्ते सिप्पी के साथ डाउन ट्रैक की दोनों लाइनों को चेक किया। साथ ही ट्रैक के आसपास पड़े जले कपड़ों को उठाकर जांच की। इसके बाद टीम लगभग सवा दो बजे क्लोन एक्सप्रेस के घटनास्थल सरायभूपत स्टेशन पहुंची। टीम ने जिस पटरी पर हादसा हुआ उस स्थान पर साक्ष्य जुटाए। टीम को यहां एक ब्रीफकेस का हिस्सा मिला। लगभग डेढ़ फुट लंबी कब्जे की तरह दिखने वाली पत्ती मिली है। अधिकारियों ने उसे कब्जे में ले लिया है। माना जा रहा है कि इस ब्रीफकेस में रखी सामग्री हादसे की वजह हो सकती है। हालांकि अधिकारियों ने दावा किया है कि अब किस तरह की चीज हादसे का वजह बनी है। यह स्पष्ट नहीं किया जा सकता है।
जांच के दौरान यह लोग रहे शामिल
बम निरोधक दस्ता प्रभारी शंकर लाल, एसआई अजब सिंह, कांस्टेबल प्रेम सिंह बघेल, राम खिलाड़ी, पवन कुमार, प्रेम सिंह, प्रवीन कुमार शामिल रहे। जबकि जीआरपी की ओर से वैशाली एक्सप्रेस घटना की विवेचना कर रहे जीआरपी के एसआई सत्यपाल सिंह व अनिल कुमार भी शामिल रहे। इसके बाद दस्ता सराय भूपत रेलवे स्टेशन रवाना हो गया, जहां नई दिल्ली- दरभंगा क्लोन एक्सप्रेस में तीन स्लीपर व एक दिव्यांग कोच में आग लगने की घटना की जांच करने पहुंचे।
