इटावा/भरथना। सर्द हवाओं के साथ बिगड़े मौसम के मिजाज ने किसानों को फिर परेशान कर दिया है। गुरुवार सुबह शहर में हुई बूंदाबांदी व कुछ इलाकों में हुई करीब बीस मिनट की बारिश की वजह से किसान अपना कटा धान बचाते नजर आए। मंडियों से लेकर घरों तक किसान पानी से फसल बचाने की मशक्कत में लगे रहे।

सोमवार से मौसम में अचानक परिवर्तन आ गया है। बदली छाने के साथ ही सर्द हवाएं तेज हो गई हैं। सोमवार और मंगलवार को बूंदाबांदी के बाद गुरुवार सुबह और दोपहर में बूंदाबादी व बारिश हुई। शहर इलाके में करीब साढ़े छह बजे और फिर साढ़ सात बजे बूंदाबांदी होने से किसान परेशान हो गए। दोपहर में भी घटाएं छायी रहीं। जसवंतनगर, भरथना, कचौरा रोड, चकरनगर में कुछ देर के लिए दोपहर में बारिश भी हुई। इससे किसान परेशान हो गए।

शहर की नवीन मंडी और जसवंतनगर की मंडी में खुले पड़ा धान नम हो गया। नवीन मंडी में आढ़त के बाहर रखे बोरों को किसान अंदर रखने की कवायद में लगे रहे। वहीं, भरथना में तो धान के बोरे और खुला धान भींग भी गया। खुले में पड़े धान के ढेरों व बोरो को बारिश के पानी से बचाने के लिए कई आढ़ती व किसान तिरपाल व पन्नी से ढकने की मशक्कत में लगे रहे।

आढ़ती संघ के अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह यादव ने बताया कि बारिश से फिलहाल आंशिक रूप से धान भींगा है। बारिश की संभावना को देखते हुए आढ़ती धान की लोडिंग तेज करने के प्रयास में जुट गए हैं। फड़ पर पड़े धान व बोरो को तिरपाल व पन्नी से ढककर बारिश के पानी से बचाने का प्रयास किया जा रहा है।

जसवंतनगर में भी खुले में पड़ा रहा धान

जसवंतनगर। मौसम के अचानक बदलने से किसानों की परेशानी बढ़ गई है। आढ़तियों पर बड़ी मात्रा में धान बेचने के लिए खुले में रखा हैं, जो बारिश में भीग रहा है। आढ़तिया के पास धान रखने के लिए पर्याप्त टीन शेड और सुरक्षित स्थान न होने के कारण बारिश के चलते किसानों का धान भीग रही है। इससे कई दिनों से धान तौल कराने के लिए चक्कर लगा रहे किसानों की मुश्किल और भी बढ़ गई है। मौसम के अचानक करवट लेने से किसानों की परेशानी बढ़ गई है। किसान अभय कुमार, सुखराम सिंह, ब्रजकिशोर, रामनरेश आदि का धान आढ़त पर पड़ा हुआ है।

जिला कृषि विज्ञान केंद्र ने नहीं जारी की एडवाइजरी

किसानों का ध्यान रखने के लिए बनाए गए कृषि विज्ञान केंद्र से किसानों को समय-समय पर सलाह नहीं मिल पा रही है। मौसम बिगड़ने के बावजूद अभी तक केंद्र की ओर से कोई एडवाइजरी नहीं की गई है। वहीं कई सालों से खराब पड़ा मौसम यंत्र भी सही नहीं हो सका है। कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी डॉ. एके सिंह ने बताया कि अभी कोई एडवाइजरी ऊपर से जारी नहीं की गई है। एडवाइजरी मिलते ही किसानों को जारी कर दी जाएगी।

शनिवार तक बारिश होने की संभावना

मौसम विभाग के अनुसार शुक्रवार और शनिवार को बारिश होने की संभावना है। मौसम वैज्ञानिकों के रविवार से मौसम बदलने की संभावना है। रविवार से धूप निकलने के बाद किसानों को राहत मिल सकेगी।

किसानों की बात

निवाड़ीखुर्द निवासी किसान इसरार ने बताया कि अब धान की फसल का ज्यादा हिस्सा बेचा जा चुका है। अब कुछ ही किसानों ने धान का भंडारण कर रखा है। बारिश ने ऐसे किसानों की चिंता बढ़ा दी है। अब नमी आने से क्रय केंद्र और आढ़ती लेने में आनाकानी करेंगे। दाम भी कम कर देंगे। टड़वा स्माइलपुर निवासी पंकज दुबे का कहना है कि इस बारिश से फसलों का कोई नुकसान नहीं है। हालांकि जिन किसानों ने धान अभी नहीं बेचा तो उसमें नमी की समस्या भी देखने को मिलेगी। अब धान बेचने में भी दिक्कत होगी। ऐसे में दाम भी कम हो जाएंगे।

गेहूं और सरसों के लिए फायदेमंद होगी बारिश

चकरनगर। गुरुवार सुबह बारिश होने से सरसों और गेहूं के किसान खुश हैं। एडीओ कृषि ब्रजेश यादव ने बताया कि चकरनगर में पानी से किसी प्रकार का नुकसान नहीं है। अभी इस तरह का मौसम रहता है तो किसानों को फायदा होगा। कीट के हमले सरसों पर थम जाएंगे। वहीं बारिश से निर्माणाधीन ढकरा पुलिया के बगल में कच्चे रास्ते में कीचड़ जमा हो गया। इससे राहगीरों की परेशानी हो रही है। (संवाद)



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