इटावा। जिले में बड़ी संख्या में लोग बुखार से कराह रहे हैं। जिला अस्पताल में ही प्रतिदिन लगभग पांच सौ से सात सौ मरीज बुखार और शरीर दर्द के आ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के पास पर्याप्त जांच किटें होने का दावा किया जा रहा है। इसके बावजूद मलेरिया और डेंगू की जांचें 10 प्रतिशत से भी कम सरकारी अस्पतालों में की जा रही हैं। ऐसे में मरीज सरकारी से ज्यादा निजी अस्पतालों की ओर रुख कर रहे हैं।
शुक्रवार को जिला अस्पताल में 1386 मरीज दिखाने के लिए आए। इनमें से लगभग आठ सौ मरीज बुखार, बदन दर्द के आए। जिला अस्पताल की लैब में कुल तीन सौ जांचें हुईं। इनमें से डेंगू की 41 और मलेरिया की 25 जांचें ही कराई गईं। किट से तीन पॉजिटिव डेंगू के मरीज मिले हैं। अब तक जिला अस्पताल की पैथोलॉजी जांच में डेंगू के 33 संदिग्ध मरीज निकल चुके हैं। जबकि सैफई से मिली एलाइजा जांच रिपोर्ट में दो पॉजिटिव मरीज मिलने से संख्या बढ़कर सात हो गई है। उधर, जांचें कम होने की वजह से मरीज सरकारी अस्पतालों की जगह निजी क्लीनिकों और अस्पतालों में जा रहे हैं। शहर से लेकर कस्बों, ग्रामीण क्षेत्रों में अस्पतालों में बड़ी संख्या में मरीज पहुंच रहे हैं। निजी अस्पतालों की ओर से लिखी गई जांचें कराने पर डेंगू और मलेरिया की भी पुष्टि मरीजों में हो रही है।
केस 1
शांती कॉलोनी निवासी विवेक कुमार ने बताया कि उन्हें तीन से खांसी, जुकाम और बुखार है। जिला अस्पताल से आराम नहीं मिलने पर निजी चिकित्सक से दवा लेनी पड़ रही है। पहले से कुछ आराम है।
केस-2
सिविल लाइन निवासी धर्मेंद्र ने बताया कि उन्हें भी कई दिन से बुखार आ रहा था। जिला अस्पताल में जांच भी कराई, लेकिन फायदा नहीं मिलने पर प्राइवेट डॉक्टर को दिखाकर दवा लेनी पड़ी। यही वजह है कि निजी अस्पतालों में सुबह आठ बजे से ही मरीजों का पहुंचना शुरू हो जाता है।
जिला अस्पताल की ओपीडी में एक सप्ताह में आए मरीज
तारीख मरीजों की संख्या
25 अगस्त 1459
26 अगस्त 1281
27 अगस्त रविवार
28 अगस्त 1466
29 अगस्त 1155
30 अगस्त 455
31 अगस्त 198
वर्जन
इस समय मौसमी बीमारियों के मरीज आ रहे हैं, इनमें खांसी, जुकाम के मरीज भी शामिल हैं, इनकी जांच की जरूरत नहीं होती। जिन मरीजों को कई दिन से बुखार आने के बाद आराम नहीं मिलने पर डॉक्टर जांच कराते हैं। -डॉ. एके सिंह, प्रभारी सीएमएस
बीमारी फैलने की शुरुआत मुकुटपुर से हुई
बात ग्रामीण क्षेत्रों की करें तो बीमारी फैलने की शुरूआत महेवा क्षेत्र के गांव मुकुटपुर से हुई थी। जहां लगभग पूरा गांव ही बुखार की चपेट में आ गया था। इधर बीमारी फैलती रही और स्वास्थ्य विभाग हाथ पर हाथ धरे बैठा रहे। ज्यादा हो हल्ला मचने पर सीएमओ डॉ. गीताराम को एक बार नहीं बल्कि कई बार मेडिकल कैंप टीम के साथ जाना पड़ा और जांच कराने पड़ी।
महेवा सीएचसी में 250 मरीज आए
सीएचसी महेवा में शुक्रवार को लगभग 250 मरीज आए। जिसमें बुखार, जुकाम, खांसी, टाइफाइड, खुजली, त्वचा रोग के मरीज शामिल हैं। अधीक्षक डाॅ. गौरव त्रिपाठी ने बताया कि 39 मलेरिया, 39 टाइफाइड, 23 डेंगू एनएस वन और 15 सीबीसी की जांचें की गईं। 57 बुखार के मरीजों की जांच हुई। 12 मरीजों को भर्ती करके इलाज करवाया।
प्राइवेट जांच कराने पर निकला डेंगू
ताखा संवाद प्रतिनिधि। ब्लॉक क्षेत्र के गांव नगला लछी निवासी श्रीकांत दो दिन से बुखार से ग्रसित थे। ठीक नहीं होने पर कस्बा के एक निजी अस्पताल में पहुुंचकर जांच कराने पर डेंगू होने की पुष्टि हुई। गांव में साफ सफाई नहीं होने से गंदगी व्याप्त होने से डेंगू फैल रहा है। पिछले कुछ दिनों में कस्बा व आसपास के गांव में चार लोगों में डेंगू होने की पुष्टि हुई। ग्रामीणों ने बताया कि गांव में डेंगू की जांच का कैम्प नहीं लगाया जा रहा है। लोगों ने एंटी लार्वा छिड़काव कराने की मांग की है। सीएचसी अधीक्षक डाॅ.उदय प्रताप सिंह ने बताया कि क्षेत्र में एंटी लार्वा छिड़काव करवाया जाएगा।