इटावा। रक्तदान शिविर न लगने की वजह से जिला अस्पताल में स्थित ब्लड बैंक आए दिन खून की कमी से जूझ रहा है। अक्तूबर के महीने में एक भी रक्तदान शिविर का आयोजन न होने की वजह से और भी ज्यादा समस्या उत्पन्न हो गई है। बुधवार को 600 यूनिट की क्षमता वाले ब्लड बैंक में महज पांच यूनिट खून था। इसमें ए पॉजिटिव, एबी पॉजिटिव व ओ पॉजिटिव का एक-एक यूनिट व बी पॉजिटिव का दो यूनिट खून ही उपलब्ध है।
ब्लड बैंक से बीपीएल कार्ड धारक, थैलेसीमिया, हीमोफीलिया, जीवन पर्यंत खून की जरूरत वाले, एचआईवी/ एड्स रोगी, जननी सुरक्षा योजना के लाभार्थियों के अलावा लावारिस, कैदी व दिव्यांग जनों को निशुल्क खून दिए जाने की सुविधा है। लेकिन इस दौरान कोई जरूरतमंद आ जाए तो उसे भी खून लेने के लिए निराशा ही हाथ लगेगी। कहने को ब्लड बैंक में खून रखने की क्षमता 600 यूनिट की है, लेकिन यहां काफी समय से खून का संकट बरकरार है। अब ब्लड बैंक को 27 नवंबर को लगने वाले दो रक्तदान शिविरों से उम्मीदें हैं।
काउंसलर रजनी निगम ने बताया कि पिछले माह अक्तूबर में कोई रक्तदान शिविर नहीं लगा। हालांकि वह अपने स्तर से रोजाना स्कूल, कालेजों, समाजसेवी संगठनों, सरकारी कार्यालयों से रक्तदान शिविर लगाने के प्रति जाकर संपर्क भी कर रहे हैं। बताया, इस समय ब्लड बैंक में पांच यूनिट खून उपलब्ध है। ब्लड बैंक में आठ ग्रुपों में से इस समय सिर्फ ए पॉजिटिव, एबी पॉजिटिव व ओ पॉजिटिव में एक-एक यूनिट व बी पॉजिटिव दो यूनिट खून समेत कुल पांच यूनिट खून उपलब्ध है।
ब्लड बैंक की प्रभारी डॉ.नीतू द्विवेदी ने बताया कि रक्तदान शिविर लगवाने के लिए बराबर लोगों व संस्थाओं से संपर्क किया जाता रहता है। 27 नवंबर को दो रक्तदान शिविर का आयोजन किया जा रहा है। एनसीसी की ओर से ब्लड बैंक में तथा महोला स्थित सेंट्रल जेल में जेल प्रशासन व एचएफडी बैंक की ओर से संयुक्त रूप से रक्तदान शिविर का आयोजन होने जा रहा है।