सैफई। मेडिकल कॉलेज में मरीजों की लगातार संख्या बढ़ रही है। इस बीच मशीनें पुरानी होने और कर्मचारियों की संख्या कम होने से अब मरीजों को अल्ट्रासाउंड कराने के लिए वेटिंग दी जा रही है। मरीजों को दो से तीन दिन वेटिंग मिलने से उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
मौसम के परिवर्तन के साथ सैफई मेडिकल कॉलेज में लगातार मरीजों की संख्या में बढ़ रही है। इस समय ढाई से तीन हजार मरीज आ रहे हैं। ऐसे में अल्ट्रासाउंड की व्यवस्था कमजोर पड़ने लगी है। मशीनें पुरानी होने और करीब 23 कर्मचारियों की विभाग में कमी होने की वजह से मरीजों को अब अल्ट्रासाउंड कराने के लिए वेटिंग दी जा रही है। करीब दो से तीन दिन बड़ी संख्या में मरीजों को वेटिंग दी जा रही है। लगभग ढाई सौ मरीज रोज अल्ट्रासाउंड के लिए आ रहे हैं। इनमें से सिर्फ सौ से सवा सौ तक लोगों का ही अल्ट्रासाउंड हो पा रहा है। पांच मशीनों में से एक अक्सर खराब रहती है।
इमरजेंसी ट्रामा सेंटर में 12 नंबर कमरे में लगी हुई अल्ट्रासाउंड मशीन से इमरजेंसी में आए हुए मरीजों का अल्ट्रासाउंड होता है। वहीं, न्यू ओपीडी में कमरा नंबर 13 में लगी मशीन से भर्ती मरीजों की जांच की जाती है। इसी प्रकार पुरानी ओपीडी के ग्राउंड फ्लोर पर 43, 45, 46 में लगी हुईं अल्ट्रासाउंड मशीनों से ओपीडी में आने वाले मरीजों का अल्ट्रासाउंड किया जाता है। स्टाफ कम होने की वजह से ऐसे में सामान्य मरीजों को अल्ट्रासाउंड जांच करवाने के लिए एक से दो दिन तक का समय लगता है। मंगलवार को कमरा नंबर 45 के कमरे में स्टाफ मौजूद नहीं मिला। 43 और 45 में मेडिकल ऑफीसरों की ओर से अल्ट्रासाउंड किया जा रहा था। मेडिकल कॉलेज प्रशासन का दावा है कि स्टाफ भरने और नई मशीनों को लगवाने के लिए पत्र लिखा गया है। उम्मीद है कि जल्द ही स्टाफ भरने के साथ ही मशीनें भी नई लग सकेंगी।
केस 1
ग्राम मानिकपुर निवासी राजेश कुमार ने बताया कि उसकी 16 वर्षीय पुत्री रिंकी के पेट में दर्द होने पर उसे ओपीडी में दिखाया था, जहां पर अल्ट्रासाउंड डॉक्टर ने लिखा था। जब हम अल्ट्रासाउंड केंद्र पर आए तो यहां पर हमें बताया गया कि दो दिन बाद अल्ट्रासाउंड होगा।
केस 2
जिला मैनपुरी निवासी दिनेश कुमार 26 वर्षीय ने बताया कि तबीयत खराब हो गई थी। इसके बाद हमने ओपीडी में दिखाया, जहां पर डॉक्टरों ने अल्ट्रासाउंड लिखा है, लेकिन यहां पर हमें दो दिन का समय दिया है। अब हम मजबूरी में जाकर के बाहर महंगे दामों में अल्ट्रासाउंड कराएंगे।
वर्जन
स्टाफ की कमी और मशीनें पुरानी होने की वजह से परेशानी हो रही है। प्रयास किया जा रहा है कि ज्यादा से ज्यादा मरीजों का अल्ट्रासाउंड उसी दिन कराया जा सके। स्टाफ और मशीनों को बदलवाने के लिए शासन को पत्र लिखा गया है। -प्रो. डॉ. प्रभात कुमार, कुलपति सैफई मेडिकल कॉलेज