चकरनगर। कच्चे घर में मिटटी की दीवार का छेद बंद करने के दौरान सांप के डसने से वृद्ध की मौत हो गई। वहीं, सहसों गांव में रविवार रात एक किशोरी को सांप ने डस लिया। परिजन इलाज की जगह झाड़-फूंक कराने में लगे हुए हैं।

सहसों थाना क्षेत्र के गांव पसिया निवासी बलदू (75) पुत्र नथोले दोहरे रविवार दोपहर कच्चे घर की दीवार पर छेद बंद करने के लिए मिटटी लगा रहे थे। तभी अचानक सांप ने उन्हें डस लिया। परिजन उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र राजपुर ले गए जहां डॉक्टर ने वृद्ध को जिला अस्पताल रेफर कर दिया। जिला अस्पताल में इलाज के दौरान वृद्ध की दर्दनाक मौत हो गई। परिजन देर शाम वृद्ध के शव को जिला अस्पताल से पोस्टमार्टम कराए बिना ले गए।

दूसरी घटना सहसों गांव की है। जहां पर रविवार रात अंशिका कुमारी (13) पुत्री लक्ष्मण सिंह को सांप ने डस लिया। परिजन सीएचसी राजपुर लेकर पहुंचे। जहां से डॉक्टर ने जिला अस्पताल रेफर कर दिया। लेकिन परिजन अंशिका को जिला अस्पताल की जगह रामनगर ले गए जहां झाड़-फूक कराने में लगे हैं। बीहड़ क्षेत्र चकरनगर में अभी भी झाड़-फूंक और अंधविश्वास कायम है। क्षेत्र में सांप के डंसने पर लोग गहियर बाबा ऊमरी, 17 बटालियन भिंड, सिरसा और बरेच्छा गांव भगत जी के पास, राजपुर मंदिर, रामनगर लेकर पहुंचते हैं। तब तक बहुत देर हो जाती है। जिससे व्यक्ति की मौत हो जाती है।

जागरूकता के अभाव में चार लाख की मदद नहीं ले पाते परिजन

शासन की ओर से सर्प दंश से मौत होने की दशा में मृतक के परिजनों को चार लाख रुपये की आर्थिक मदद मुहैया कराने का प्रावधान है। इसके लिए मृतक के परिजनों को शव का पोस्टमार्टम कराना अनिवार्य है। जिससे सांप के डसने की पुष्टि हो सके। इस जागरूकता के अभाव में जिले में सर्प दंश से होने वाली मौत के परिजनों को योजना के तहत मदद मुहैया नहीं हो पाती है।



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *