सैफई। सैफई मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में लगी एक्सरे मशीन खराब होने से आपातकालीन सेवाएं लेने आए मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वैकल्पिक व्यवस्था के लिए लगाई गई मशीन की क्षमता कम होने की वजह से मरीजों का दो-दो घंटे बाद एक्सरे का नंबर आ पा रहा है।
मेडिकल कॉलेज के इमरजेंसी ट्रामा सेंटर में प्रतिदिन करीब छह सौ मरीज आते हैं। इनमें से अधिकांश हादसे में घायल हुए लोग होते हैं। ऐसे लोगों को प्राथमिक उपचार के दौरान एक्सरे कराने के बाद आगे का इलाज कारया जाता है। इसके लिए भूतल पर कमरा नंबर 10 में 850 एमएम की एक्सरे मशीन लगी है। यह पांच दिन पहले खराब होने से मरीजों का उपचार प्रभावित हो रहा है।
मेडिकल कॉलेज प्रबंधन की ओर से सौ एमएम की पोर्टेबल एक्सरे मशीन लगवाकर एक्सरे तो कराए जा रहे हैं, लेकिन इसमें एक-एक व्यक्ति को अधिक संख्या होने से दो-दो घंटे इंतजार करना पड़ रहा है। प्रबंधन के अनुसार, आठ साल पहले लगी मशीन का कैसेट रीडर खराब हो गया है। यह मशीन जापान की कंपनी से लगवाई गई थी। संबंधित कंपनी को अवगत करा दिया गया है।
लोगों की बात
जिला मैनपुरी के घिरोर थाना क्षेत्र के गांव खोडरा निवासी बृजेंद्र सिंह ने बताया उसकी मां प्रेमा देवी (50) के हाथ में चोट लग गई थी। इसके लिए इमरजेंसी ट्रामा सेंटर में दिखाया था। यहां पर डॉक्टरों ने एक्स-रे करने के लिए लिखा था, लेकिन यहां पर दो घंटे से अधिक हो गए अब तक नहीं हो पाया। जिला एटा निवासी स्वामी जगदीश नंद (60) ने बताया कि छाती में दर्द हो रहा था। इस वजह से इमरजेंसी ट्रामा सेंटर में दिखाया था। यहां पर डॉक्टरों ने एक्स-रे कराने के लिए लिखा था। करीब दो घंटे के इंतजार के बाद एक्सरे का नंबर आ सका। जिला मैनपुरी के नवीगंज निवासी भीम सिंह ने बताया कि उसकी नातिन काबिया (6) के पैर में चोट लग गई थी। इसकी वजह से यहां पर डॉक्टर को दिखाया था। उन्होंने एक्स-रे लिखा था। हमें एक घंटे से अधिक हो गया अब तक नंबर नहीं आ पाया।
वर्जन
इमरजेंसी ट्रामा सेंटर की मशीन खराब हो गई है। इस संबंध में संबंधित कंपनी को अवगत करा दिया गया है। जल्द ही मशीन सही होने की उम्मीद है। हालांकि तब तक पोर्टेबल मशीन को वैकल्पिक रूप से लगवाया गया है। -डॉ. एसपी सिंह, चिकित्सा अधीक्षक