इटावा। भाई-बहन के परस्पर प्रेम का प्रतीक पर्व रक्षाबंधन कुछ ही दिन दूर है। इस मौके पर बड़ी संख्या में बहनें अपने भाइयों को राखी बांधने आती हैं। लिहाजा महिलाएं ट्रेन व बसों से एक दिन पूर्व अथवा उसी दिन भाइयों की कलाई पर राखी बांधने पहुंचती हैं। ऐसी स्थिति में ट्रेनें हों या बसें सभी में भीड़ बढ़ जाती है। इसमें महिलाओं की संख्या सर्वाधिक रहती है।

रक्षाबंधन में बात दिल्ली से आने वाली डाउन लाइन की ट्रेनों की करें तो सभी में लगभग 100 या इसके आसपास वेटिंग चल रही है। निगम की बसें 24 घंटे के लिए फ्री होन की वजह से महिलाओं की पहली पसंद रोडवेज बस ही होती हैं। जोधपुर-हावड़ा एक्सप्रेस व कैफियत एक्सप्रेस दो ऐसी ट्रेनें हैं, जिनमें वेटिंग भी बंद हो चुकी है। अन्य ट्रेनों में भी वेटिंग की संख्या 50 से लेकर 80, 90 अथवा 100 तक पहुंच चुकी है। रक्षाबंधन से पूर्व इन दोनों ट्रेनों जोधपुर-हावड़ा एक्सप्रेस व कैफियत एक्सप्रेस में पैर रखने की जगह तक नहीं है। यानी रक्षाबंधन पर होली और दिवाली जैसी वेटिंग की स्थिति देखने को मिल रही है। ज्यादातर लोगों ने काफी पहले ही ऑनलाइन टिकट बुक करा लिया है। जबकि रेलवे के आरक्षण काउंटर पर गिने चुने लोग ही टिकट बुक कराने आ रहे हैं।

इन ट्रेनों में है लंबी वेटिंग

नई दिल्ली से आने वाली लखनऊ शताब्दी में 29 अगस्त तक करीब 80 वेटिंग है। नार्थ ईस्ट एक्सप्रेस में 90 वेटिंग है। जोधपुर-हावड़ा एक्सप्रेस में 28 से 30 अगस्त तक 90 वेटिंग है। इसमें अब वेटिंग भी बंद हो गई है। कालका एक्सप्रेस में भी 28 से 29 तक 90 वेटिंग है। महानंदा एक्सप्रेस में 28 से 30 अगस्त तक करीब 100 वेटिंग है। गोमती एक्सप्रेस में भी 30 अगस्त तक 90 वेटिंग चल रही है। आगरा- लखनऊ इंटरसिटी एक्सप्रेस में 29 से 31 अगस्त तक करीब 50 वेटिंग चल रही है। पूर्वा एक्सप्रेस में भी 29 से 31 अगस्त तक 100 से ऊपर की वेटिंग चल रही है। मगध एक्सप्रेस में करीब 100 व संगम एक्सप्रेस में करीब 80 वेटिंग चल रही है। जबकि कैफियत एक्सप्रेस में वेटिंग (सिग्रेट) यानी बंद हो चुकी है।

निगम की बसें कराएंगी फ्री सफर

रक्षाबंधन पर महिलाओं के लिए इस बार भी यात्रा फ्री रहने की संभावना है। एआरएम डीएम सक्सेना ने बताया कि अभी इस सबंध में कोई आदेश नहीं आया है, लेकिन उनकी ओर से पूरी तैयारी है, जिससे महिलाओं को सफर में किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े। बताया कि रक्षाबंधन के मौके पर सबसे ज्यादा व्यस्ततम मार्गों में दिल्ली-कानपुर-आगरा, फर्रुखाबाद हैं। लिहाजा इन्हीं पर बसों की संख्या बढ़ाकर चलाएंगे। कुछ मार्गों पर बसों के फेरे बढ़ाए जाएंगे। या फिर जिन स्थानों के यात्री ज्यादा होंगे वहां बसें भेजी जाएंगी। जिससे की यात्रियों को ज्यादा परेशानी का सामना न करना पड़े।

परेशानी न हो, इसलिए चलाई जाएंगी बसें

इटावा से दिल्ली मार्ग पर 30 बसें चलाई जाएंगी। इसमें इटावा डिपो की 25 व सैफई डिपो की पांच बसें शामिल हैं। फर्रुखाबाद मार्ग पर 20 बसें चलाई जाएंगी। जबकि मैनपुरी मार्ग पर 10 बसें चलाई जाएंगी। अन्य मार्गों पर बसों के फेरे बढ़ाकर चलाए जाएंगे। यात्रियों की सुविधा के लिए 24 घंटे कंट्रोल रूम काम करेगा, जिससे यात्रियों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।



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