बकेवर। बारिश के मौसम में पड़ रही भीषण गर्मी से फसलों की सिंचाई न होने से किसानों की चिंताएं बढ़ती जा रही हैं। ऐसी स्थिति में खेत कुड़रिया रजबहा के किनारे होने के बावजूद किसानों को फसल को बर्बाद होने से बचाने के लिए रुपये खर्च कर निजी नलकूपाें से सिंचाई करानी पड़ रही है। यह हालात गांव कुड़रिया रजबहा के अलावा आसपास के कई गांवों के हैं। कुड़रिया रजबहा में टेल तक के गांवों में पानी पहुंचने की बजाए आधी दूर तक भी नहीं पहुंच रहा है। जबकि पिछले दो महीने से कुड़रिया रजबहा में पानी का प्रवाह चल रहा है।

किसानों का आरोप है कि रजबहा की सफाई न होने की वजह से पानी टेल तक के गांवों तक ही नहीं पहुंच रहा है। अनेकों गांवों के किसानों ने पानी न पहुंचने की वजह से धान की बजाय बाजरा की बुआई की। जिन किसानों ने धान की नर्सरी की, उन किसानों ने धान की फसल की रोपाई नलकूप से पानी खरीदकर की। लेकिन अब इन गांवों के किसानों को निजी नलकूपों से पानी खरीद कर धान की सिंचाई करानी पड़ रही है। इतना सब कुछ होने के बावजूद सिंचाई विभाग बेखबर है। किसानों का कहना है रजबहा की सफाई न कराए जाने के कारण पानी नहीं पहुंच रहा है।

भोगनीपुर निचली गंग नहर से निकला कुड़रिया रजबहा 17.1 किलोमीटर लंबा है। जैतपुरा गांव से लेकर खितौरा तक रजबहा करीब तीन सैकड़ा से अधिक गांवों में खेती की सिंचाई के साधन के रूप में है। लेकिन 17 किलोमीटर लंबे रजबहा में हाईवे के आसपास की पुलिया में प्रवाह ओवरफ्लो हो रहा है। जबकि छह किलोमीटर दूर बकेवर-भरथना मार्ग पर पटिया गांव के पास रजबहा में पानी की एक बूंद भी नहीं है। लगभग यही हालात गांव चटोरपुर के आसपास के गांवों के भी हैं।

किसानों का कहना है करीब ढाई महीने से रजबहा में पानी नहीं आ रहा है। जयमलपुर गांव के आगे पानी न होने से रजबहा सूखा पड़ा है, यहां घास व झाड़ियां खड़ी हैं। इससे कुड़रिया रजबहा के टेल के पटिया, चटोरपुर, नगला टुपियन, प्रथ्वीरामपुर, नया नगला, सिंगौली, मेघूपुर आदि के गांवों के किसान पानी न मिलने से चिंतित और परेशान हैं।

गांव पटिया निवासी विष्णु दयाल ने बताया कि धान की फसल बोने का मन बनाया था। लेकिन रजबहा में पानी नहीं पहुंचने पर इरादा बदल दिया और फिर धान की जगह पर बाजरा की बुआई करा दी। धान की नर्सरी डालने के लिए भी पानी आने का इंतजार करते रहे। हालांकि कुछ जगह में नर्सरी डाल दी थी, जो सूख गई।

नगला टुपियन निवासी महताब सिंह यादव ने बताया कि रजबहा में पानी करीब ढाई महीने से आया ही नहीं। अनेकों बार शिकायत की, लेकिन सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने कोई ध्यान नहीं दिया। समूचे क्षेत्र में किसानों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। किसी जनप्रतिनिधि ने भी इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया।

इसी गांव के किसान शैलेंद्र कहते हैं कि किसान बर्बाद हो रहा है। खेतों में पानी नहीं मिलने से फसल सूख रही है। धान की फसल होने के कारण किसानों को काफी नुकसान होता है। मजबूर होकर बाजरा की फसल की बुआई करनी पड़ी है। यदि टेल तक पानी पहुंच रहा होता तो शायद उन्हें भी परेशानी नहीं होती।

किसान राहुल उर्फ बंटी कहते हैं कि पानी लगाना तो दूर रजबहा में दो महीने से अधिक समय से पानी नहीं आ रहा है। इससे फसलों की पैदावार में गिरावट आने की आशंका सता रही है। सिंचाई के अभाव में क्षेत्र के कई गावों में फसलें सूख रही हैं, जबकि अभी तक कुड़रिया रजबहा से ही खेतीं की सिंचाई होती रही है।

वर्जन

टेल तक के कई गांवों में पानी नहीं पहुंचा है। सफाई के लिए बजट कम आने से नियमित 17 किलोमीटर रजबहा की सफाई नहीं हो पाती है। पानी टेल तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। मौके की जाकर स्थलीय निरीक्षण भी किया है। -शिवराज सिंह,अधिशासी अभियंता, भोगनीपुर निचली गंगानहर।



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