इटावा। विशेष न्यायाधीश दस्यु प्रभावित क्षेत्र अधिनियम पारुल श्रीवास्तव ने 19 साल पुराने लूट के एक मामले की सुनवाई करते हुए दो आरोपियों को चार-चार साल की सजा सुनाई। दोनों पर पांच-पांच हजार का जुर्माना भी लगाया। जुर्माना अदा न करने पर उन्हें पांच माह की अतिरिक्त सजा काटनी होगी।

जिला शासकीय अधिवक्ता शिव कुमार शुक्ला व विशेष लोक अभियोजक गौरव दीक्षित ने बताया कि मोहल्ला गाड़ीपुरा निवासी सुभाष ने दर्ज कराई रिपोर्ट में आरोप लगाया था कि वह 27 अक्तूबर 2004 को अपने परिवार के साथ घर पर बैठा था। तभी मोहल्ले के चार पांच लोग उसके घर में घुस आए और उन लोगों ने पिता से उच्च न्यायालय में चल रहे एक मामले में समझौता करने का दबाव बनाया।

पिता ने संझौते से इंकार किया तो उक्त लोगों ने मारपीट शुरू कर दी। मारपीट में उसके पिता व मां को चोटें आई हैं। उक्त लोग उसके घर से सोने की चेन, अंगूठी के अलावा अन्य सामान लूटने के बाद जान से मारने की धमकी देकर चले गए। उन्होंने कोतवाली में तहरीर दी। इस पर पुलिस ने राधे, विपिन, ममता देवी सोनी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।

विवेचना में पुलिस ने ममता व सोनी को निकाल दिया और यतींद्र का नाम प्रकाश में आने पर शामिल कर लिया। पुलिस ने राधे, विपिन व यतींद्र के खिलाफ आरोपपत्र कोर्ट में दाखिल कर दिए। सुनवाई विशेष न्यायाधीश दस्यु प्रभावित क्षेत्र अधिनियम की कोर्ट में हुई। यतींद्र की मौत हो गई। विशेष लोक अभियोजक की ओर से पेश किए गए साक्ष्यों व गवाहों के आधार पर कोर्ट ने राधे व विपिन को दोषी पाते हुए चार-चार साल की सजा व पांच पांच हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया।



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *