संवाद न्यूज एजेंसी, इटावा

Updated Mon, 07 Aug 2023 12:19 AM IST

इटावा। मुकुटपुर में डेंगू के डंक ने भी पैर पसार लिए हैं। गांव में बीमार करीब तीन सौ लोगों में 25-30 लोग में निजी लैबों से हुई जांच में डेंगू तक की पुष्टि कर दी गई है। इसके बावजूद विभागीय अधिकारी बेखबर हैं। उनका कहना है कि अभी तक डेंगू का कोई भी मामला गांव में नहीं है।

बीते लगभग 16 दिनों से फैलना शुरू हुई बीमारी ने महेवा ब्लाक के मुकुटपुर गांव के करीब तीन सौ लोगों की बीमारी की चपेट में ले लिया। घर-घर मरीज होने से लोग परेशान हैं। इनमें से आधे लोग निजी अस्पतालों से अपना इलाज करा रहे हैं। कस्बों और शहर के डॉक्टरों की सलाह पर मरीजों ने अलग-अलग कई तरह की निजी लैबों से जांचें कराई हैं। करीब 25 से 30 लोगों की जांच रिपोर्ट में निजी लैबों ने डेंगू की पुष्टि की है। अमर उजाला की टीम की पड़ताल में रविवार को यह तथ्य सामने आए हैं। लोगों ने रिपोर्ट और किटें दिखाई हैं। इसके बावजूद विभाग मानने को तैयार नहीं है। विभाग का दावा है कि जिले में अभी कोई डेंगू का मरीज नहीं है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या लैबें गलत रिपोर्ट दे रही हैं। यदि हां, तो उन पर अभी तक विभाग की ओर से कार्रवाई क्यों नहीं की।

मुकुटपुर गांव में जिन लैबों से बीमार ग्रामीणों ने जांच कराई है। उसकी रिपोर्ट में भी खेल दिख रहा है। कई मरीजों को सिर्फ किट कार्ड देकर पॉजिटिव बता दिया गया तो कहीं किट कार्ड के साथ दी गई रिपोर्ट में लैब का नाम और पता तक नहीं है। निवाड़ीकला, महेवा, अहेरीपुर, उरेंग और लुधियानी ग्राम पंचायतों में अकेले 10 से 12 लैबें हैं। इनमें से अधिकांश पर बाहर लगे बोर्ड पर रजिस्ट्रेशन नंबर और नाम तक नहीं लिखा गया है। छोटे-छोटे कमरों में लैब संचालित हैं।



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