फोटो 03: छात्रा को मेडल पहनातीं संस्कृत प्रवक्ता डॉ.ज्योति वर्मा साथ में प्रधानाचार्य संध्या मिश्रा। संवाद

सत्यनारायण समाज सेवा संस्थान ने गुरुकुल एकेडमी में मनाया संस्कृत दिवस

संवाद न्यूज एजेंसी

इटावा। संस्कृत भाषा भारतीय संस्कृति के विरासत का प्रतीक है। संस्कृत भारत देश का गौरव है, जिसे बढ़ावा और उसका हक मिलना ही चाहिए। संस्कृत देश की सबसे पवित्र व प्राचीनतम भाषा है। यह एक ऐसी भाषा है जो वैज्ञानिक विचारों को आगे बढ़ाने के भी काम आती है।

यह बात संस्कृत प्रवक्ता डॉ. ज्योति वर्मा ने बुधवार को ब्रह्म नगर (पक्का बाग) स्थित गुरुकुल एकेडमी में सत्यनारायण समाज सेवा संस्थान की ओर से आयोजित संस्कृत दिवस में पर कही। बताया कि संस्कृत दिवस श्रावणी पूर्णिमा को मनाया जाता है। प्राचीन भारत में पूर्णिमा के दिन से ही शिक्षण सत्र और वेद पाठ शुरू हुआ था। छात्र इसी दिन से शास्त्रों का अध्ययन करने लगे थे।

एकेडमी के बच्चों ने संस्कृत श्लोक पाठ सुनाए। बच्चों ने सर्वप्रथम संस्कृत में अपना परिचय देने के बाद श्लोक पाठ किया। अंग्रेजी मीडियम स्कूल के बच्चों में संस्कृत के प्रति इतनी गहरी दिलचस्पी देखकर सराहना करते हुए कहा कि वह संस्कृत का प्रचार प्रसार करने व इसे बढ़ावा देने के लिए स्कूलों में बच्चों को आधा घंटे की अतिरिक्त क्लास सरल संस्कृत संभाषणम का आयोजन करेंगी। जिससे बच्चे संस्कृत के महत्व को और अधिक समझ सकें।

श्लोक पाठ में राघव दुबे, नेहा राजपूत, मणि मिश्रा, अर्पित, सौम्या तिवारी, शगुन तिवारी, कशिश, शुभम, आयुषी दुबे, अनम, जानवी, आयुषी, तान्या मिश्रा आदि बच्चों ने प्रतिभाग किया। सभी बच्चों को संस्था की ओर से डॉ.ज्योति वर्मा व आंचल वर्मा ने मेडल पहनाकर व प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया।

प्रधानाचार्य संध्या मिश्रा ने आभार जताया। कहा कि विश्व की किसी भी अन्य भाषा की तुलना में संस्कृत की शब्दावली सबसे अधिक है। संस्कृत वास्तव में दुनिया के सबसे महान खजाने में से एक है। उन्होंने दोनों महिला अतिथियों का प्रतीक चिन्ह देकर सम्मान किया। सुलेखा जितेंद्र ,आदित्य,अजय ,सुप्रिया वर्मा ,खुशी ,गौरी, पूजा ,रिचा, पूनम ,शिवानी ,साधना , अनन्या, श्वेता ,अंकित मिश्रा आदि शिक्षक उपस्थित रहे।



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