इटावा। सफारी पार्क में संरक्षित पशुओं की मौत का सिलसिला है। शुक्रवार रात मादा भालू की मौत के बाद शनिवार रात शेरनी सोना के पांचवें शावक ने भी 36 दिन बाद मौत हो गई। इससे सफारी प्रशासन में खलबली मची हुई है। सफारी पार्क की व्यवस्थाओं पर लगातार सवाल उठ रहे हैं।

सफारी पार्क में शेरनी सोना ने छह जुलाई से 10 जुलाई के बीच पांच शावकों को जन्म दिया था। इनमें से चार शावकों की मौत 13 जुलाई तक हो चुकी है। छह जुलाई की दोपहर 1:51 बजे पहले जन्म शावक ही स्वस्थ बचा था। शेरनी के दूध न पिलाने की वजह से उसे नियोनेटल केयर यूनिट में रखा गया था। यहां चिकित्सकों की निगरानी में शावक को अंतरराष्ट्रीय मानक के अनुसार, बोतल से दूध पिलाया जा रहा था।

सफारी प्रशासन उसके लगातार स्वस्थ होने का दावा कर रहा था, लेकिन शनिवार रात करीब आठ बजे उसे बुखार और पेट दर्द की समस्या हुई। चिकित्सकों ने उसकी स्थिति को संभालने की कोशिश की, लेकिन उसे सांस लेने में दिक्कत होने लगी। करीब दो घंटे की मशक्कत के बाद पांचवें शावक ने भी दम तोड़ दिया। सफारी निदेशक दीक्षा भंडारी ने बताया कि सोना के पांचवें शावक की मौत हो गई है। उसे लगातार सुरक्षित रखने के प्रयास थे, लेकिन हम उसे बचा नहीं सके। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा रहा है।



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