ताखा। तीन दिन में दूसरी बार बासक रजबाह की खंदी फटने से समथर नगला पछांय के करीब 15 किसानों की सौ बीघा फसल डूब गई। इससे उनका बड़ा नुकसान होने की आशंका है। गुरुवार रात को अमथरी गांव के रजबाहे की दो खंदी फटने से करीब एक हजार बीघा धान की फसल डूबी थी।

समथर नगला पछांय के पास शनिवार को सुबह ओवरफ्लो के चलते दूसरी बार फट गई। सिंचाई विभाग को सूचना देने के लिए ग्रामीणों ने घंटों तक फोन नंबर लगाते रहे, लेकिन विभाग के किसी कर्मचारी ने फोन रिसीव करना भी उचित नहीं समझा। तब किसानों ने एसडीएम ताखा को सूचना दी, लेकिन विभाग का कर्मचारी नहीं पहुंचे। खंदी के पानी को किसानों की ओर से खेतों की मेड़ों को काटकर पानी के लिए रास्ता बनाया। सुबह से ही किसान खंदी बंद करने में लग गए। काफी प्रयास करने के बाद करीब चार बजे तक किसानों ने लकड़ियों व बोरियों में मिट्टी भर कर खंदी को बंद कर पाया।

किसानों का कहना है कि पानी नीचे खेतों में भर रहा है। करीब एक सैकड़ा बीघा धान की फसल को नुकसान हुआ है, जो डूबी हुई है। निचले खेतों से पानी निकलने का कोई रास्ता नहीं है। एसडीएम ताखा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि सिंचाई विभाग को सूचना दी गई, लेकिन मशीन पहुंचने की जगह नहीं होने की वजह से खंदी को मजदूरों से बंद कराया जा रहा है।

रजबाहों व नहरों की सफाई न होने से अब किसानों की और मुसीबत बढ़ती जा रही है। जिले में बीते तीन दिनों में अमथरी, कुड़रिया और अब समथर नगला पछांय में खंदी फटने से करीब 1300 सौ बीघा फसल जलमग्न हो चुकी है। हालांकि अमथरी के पास वाले किसानों ने पूरी रात मेहनत करके अपनी करीब 700 बीघा जमीन को बचा लिया है।



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