इटावा। एक मजबूत पासवर्ड और उन्हें नियमित रूप से बदलने की आदत आपको साइबर क्राइम से बचा सकती है। यह सलाह रविवार को पुलिस लाइन सभागार में हुई साइबर कार्यशाला में विशेषज्ञों ने दी।

एसएसपी संजय कुमार वर्मा की अध्यक्षता में हुई कार्यशाला में लखनऊ से आए साइबर एक्सपर्ट नवीन सिंह ने बताया कि पासवर्ड मजबूत होने के साथ-साथ यह भी जरूरी है कि विभिन्न खातों में एक ही पासवर्ड का दोबारा उपयोग नहीं करना चाहिए। दो फैक्टर आईडेंटिफिकेशन का उपयोग करना भी एक अच्छा विचार है। यह एक अतिरिक्त सुरक्षा स्तर जोड़ता है। इसमें खाते की पहचान के लिए दो अलग-अलग तरीके का उपयोग किया जाता है। बताया कि कुछ फिशिंग ई-मेल्स से भी बचने की जरूरत है। आमतौर पर विश्वसनीय स्रोतों से आने का ढोंग करते हैं, लेकिन वास्तव में यह साइबर अपराधियों की ओर से भेजे जाते हैं। इनका उद्देश्य आपकी व्यक्तिगत जानकारी चुराना होता है। इसलिए अज्ञात स्रोतों से आने वाले ईमेल्स के साथ सतर्क रहें।

साइबर क्राइम क्या है

नवीन सिंह ने बताया कि साइबर क्राइम का मतलब कंप्यूटर, नेटवर्क या इंटरनेट का गलत उपयोग कर किसी को नुकसान पहुंचाना है। साइबर क्राइम में हैकिंग, फिशिंग, आइडेंटिटी थेफ्ट, सोशल इंजीनियरिंग, डीडीओएस अटैक, बॉटनेट, साइबर स्टॉकिंग, साइबर टेररिज्म आदि शामिल हैं।

साइबर क्राइम के मुख्य कारण

विशेषज्ञ नवीन सिंह ने बताया कि कमजोर सिक्योरिटी स्टैंडर्ड और कमजोर जानकारी लोगों को साइबर क्राइम का शिकार बनाती है। कार्यशाला में साइबर क्राइम से बचने के कई तरीके हैं। यह व्यक्तिगत और संगठनात्मक स्तर पर अपनाए जा सकते हैं। सभी डिजिटल उपकरणों और सॉफ्टवेयर को नवीनतम सुरक्षा पेंचों के साथ जोड़ना महत्वपूर्ण है। बताया कि पब्लिक वाई-फाई नेटवर्क का उपयोग करने से पहले सोचें। यह नेटवर्क अक्सर सुरक्षित नहीं होते हैं। आपकी व्यक्तिगत जानकारी को संक्रमित करने का खतरा होता है। वहीं अपने सोशल मीडिया खातों की सुरक्षा को बढ़ाना भी महत्वपूर्ण है। प्राइवेसी सेटिंग्स को सामान्य जनसामान्य से बचने के लिए निजी रखें। यह साइबर अपराधियों के लिए आपकी व्यक्तिगत जानकारी तक पहुंचने को कठिन बनाता है। कार्यशाला के दौरान डिजिटल साक्ष्यों को एकत्रित करने और साइबर पड़ताल की महत्वपूर्ण जानकारी दी। अपर पुलिस अधीक्षक अपराध सुबोध गौतम मौजूद रहे।



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