संवाद न्यूज एजेंसी, इटावा

Updated Thu, 10 Aug 2023 11:47 PM IST

इटावा। विशेष न्यायाधीश (एससी/एसटी एक्ट) कुमार प्रशांत की कोर्ट ने अनुसूचित जाति की एक युवती के साथ नौ वर्ष पहले सामूहिक दुष्कर्म के मामले में तीन दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही 22-22 हजार रुपये के अर्थदंड से भी दंडित किया। जुर्माना न देने पर उन्हें छह माह का अतिरिक्त कारावास काटना पड़ेगा।

जिला शासकीय अधिवक्ता शिव कुमार शुक्ला व विशेष लोक अभियोजक रमा कांत चतुर्वेदी ने बताया कि भरथना थाना क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली युवती 24 जून 2014 की शाम को अपने घर से खेत पर गई थी। तभी गांव के चार लोगों ने उसे पकड़ लिया था। झाड़ियों में ले जाकर तमंचे से धमका कर उसके साथ दुष्कर्म किया। विरोध पर जान से मारने की धमकी दी। बाद में युवती ने घर पहुंच कर अपने साथ हुई घटना की जानकारी दी। जब पीड़िता अपनी मां के साथ रिपोर्ट दर्ज कराने थाने जा रही थी तो आरोपियों ने उन्हें धमकाया।

बाद में पीडिता ने इसकी शिकायत तत्कालीन एसएसपी से की थी। उनके आदेश पर पुलिस ने गांव के ही नवीन खां, पप्पू शाक्य, राजीव कठेरिया व रामौतार के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करके आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। छानबीन के बाद चारों के खिलाफ आरोप पत्र कोर्ट में पेश किए गए। बाद में एक आरोपी रामौतार कर ट्रायल के दौरान मौत हो गई। सुनवाई विशेष न्यायाधीश (एससी/एसटी एक्ट) कोर्ट में हुई। विशेष लोक अभियोजक रम कांत चतुर्वेदी की ओर से पेश किए साक्ष्यों व गवाहों के आधार पर कोर्ट ने नवीन खां पप्पू खां व राजीव को दुष्कर्म का दोषी पाया। इस पर उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई।



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