इटावा। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट प्रथम दिलीप कुमार सचान ने 14 साल पुराने हत्या के प्रयास के मामले में तीन सगे भाइयों को सात-सात साल की सजा सुनाई। कोर्ट ने उन पर चार-चार हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। जुर्माना अदा न करने पर उन्हें दो-दो माह का अतिरिक्त कारावास काटना पड़ेगा।

अपर जिला शासकीय अधिवक्ता बलबीर सिंह राजपूत ने बताया कि बकेवर थाना क्षेत्र के महेवा बस्ती निवासी मन्नी लाल ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। इसमें आरोप लगाया कि 17 नवंबर 2009 को उसका पुत्र संदेश कुमार दोपहर में अपने खेत में मेड़ बना रहा था। तभी गांव के ही सुरेश चंद्र, जितेंद्र बाबू, नरेश बाबू व मंगल सिंह पुत्रगण राजा राम अपने हाथों में अद्धी, तमंचा व लाठी-डंडा लेकर पहुंचे। गालीगलौज कर मेड़ बांधने से मना किया।

पुत्र संदेश ने विरोध किया तो उक्त लोगों ने गोली चला दी। गोली संदेश के दाहिनी ओर पेट में लगी। इसके बाद हमलावर जान माल की धमकी देते हुए चले गए। घायल को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। तहरीर के आधार पर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर ली। बाद में पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।

पुलिस ने छानबीन के बाद चारों के खिलाफ आरोप पत्र कोर्ट में पेश कर दिए। कोर्ट में सुनवाई के दौरान एक आरोपी नरेश की मौत हो गई। सुनवाई अपर जिला एंव सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रेक प्रथम की कोर्ट में हुई। अपर जिला शासकीय अधिवक्ता तरुण कुमार शुक्ला की ओर से पेश किए साक्ष्यों व गवाहों के आधार पर कोर्ट ने मंगल सिंह सुरेश व जितेंद्र का दोषी पाया। उन्हें सात-सात साल की सजा सुनाई।



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