सितंबर 2016 में हुई थी घटना, कोर्ट ने छह हजार आठ सौ रुपये का जुर्माना भी लगाया

संवाद न्यूज एजेंसी

इटावा। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोर्ट नं प्रथम ने सात साल पुराने हत्या के एक मामले की सुनवाई करते हुए एक महिला सहित दो लोगों को दोषी पाया। दोषी पाए जाने पर कोर्ट ने उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई। कोर्ट ने उन पर छह हजार आठ सौ रुपये का जुर्माना भी लगाया। जुर्माना अदा न करने पर उन्हें छह माह का अतिरिक्त कारावास काटना होगा।

जिला शासकीय अधिवक्ता शिव कुमार शुक्ला व अपर जिला शासकीय अधिवक्ता देवेंद्र तिवारी ने बताया कि बलरई थाना क्षेत्र के गांव बलरई निवासी राम करन ने थाने में दर्ज कराई रिपोर्ट में आरोप लगाया था कि छह सितंबर 2016 को उसके पिता राम सेवक, मां फूलन देवी, बहन रूबी देवी घर पर सो रहे थे।

तभी परिवार के ही सरनाम सिंह पुत्र आशा राम, आशा देवी पत्नी कैलाश व रिश्तेदार पवन कनौजिया निवासी विधूना ने घर में घुसकर उसके पिता के साथ मारपीट की बाद में उन्हें गोली मार दी। बाद में वह लोग भाग गए। घायल को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उपचार के दौरान राम सेवक की मौत हो गई।

पुलिस ने मामला दर्ज कर मामले की छानबीन की और आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। पवन की निशानदेही पर पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त तमंचा भी बरामद कर लिया। छानबीन के बाद पुलिस न तीनों के खिलाफ आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल कर दिए। सुनवाई के दौरान पवन की मौत हो गई।

सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोर्ट नंबर प्रथम में हुई। अपर जिला शासकीय अधिवक्ता देवेंद्र तिवारी के द्वारा पेश किए साक्ष्यों व गवाहों के आधार पर कोर्ट ने सरनाम सिंह व आशा देवी को दोषी पाया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई। कोर्ट ने उन पर छह हजार आठ सौ रुपये जुर्माना भी लगाया।



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