इटावा। सड़कों पर बेतरतीब दौड़ रहे ऑटो व ई-रिक्शा हादसे का सबब बने हुए हैं। सवारियां ढोने वाले इन वाहनों में सामान लादकर सड़काें पर फर्राटा भरा जा रहा है। प्रशासन पूरी तरह से अंजान बना हुआ है।

ई-रिक्शा, ऑटो में अधिकतम चार सवारियां बैठाना मान्य हैं, लेकिन इनमें क्षमता से दोगुनी सवारियां और भारी सामान ढोया जा रहा है। इससे इन वाहनों के असंतुलित होने से हादसे का खतरा बना रहता है। वहीं, आगे व पीछे चलने वाले दो पहिया वाहन चालकों को भी खतरा रहता है। एक ओर इसके व्यवस्थित संचालन की जिम्मेदारी निभाने वाली ट्रैफिक पुलिस मूकदर्शक बनी रहती है। वहीं, दूसरी ओर परिवहन विभाग भी इस ओर ध्यान नहीं देता।

बीते दिनों उन्नाव जनपद में करीब 20 फीट लंबे लोहे के पाइप लादकर जा रहे ई-रिक्शा ने हाईवे पर बाइक सवार को पीछे से टक्कर मार दी थी। गर्दन में पाइप घुसने से बाइक पर पीछे बैठे युवक की मौत हो गई थी जबकि दूसरा युवक घायल हो गया था।

केंद्र सरकार की ओर से नया मोटर व्हीकल एक्ट लागू किए जाने के बाद पुलिस और परिवहन विभाग दोपहिया व चौपहिया वाहनों की चेकिंग के लिए लगातार अभियान चलाता रहता है, लेकिन सड़कों पर दौड़ रहे ऑटो व ई-रिक्शा चालकों पर इसका कोई असर नहीं हैं। प्रमुख बाजारों और चौराहों पर इनका कब्जा नजर आता है। ग्रामीण क्षेत्र में कई जगह किशाेर भी इनका संचालन कर रहे हैं, लेकिन जिम्मेदारों का इन पर ध्यान ही नहीं जाता। ये चालक सवारी और भाड़ा लेने के चक्कर में कहीं भी रुक जाते है और फिर जाम का कारण भी बनते हैं।

रूट निर्धारण नहीं होने से भरते फर्राटा

परिवहन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, जिले में एक हजार से अधिक ई-रिक्शा पंजीकृत हैं। इससे ज्यादा की संख्या में ई-रिक्शा बिना पंजीकरण के भी चल रहे हैं। प्रशासन आज तक इनके रूट का निर्धारण नहीं कर सका है। यही कारण है कि यह गलियों से लेकर हाईवे तक अपनी सुविधानुसार फर्राटा भर रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्र के महेवा, बकेवर, चकरनगर, भरथना सहित कई कस्बों में ये चालक माल ढोने में जुटे रहते हैं।

संख्या बढ़ने से लगता है जाम

कुछ वर्ष पहले तक शहर में ई-रिक्शे की संख्या न के बराबर थी, लेकिन कुछ ही समय मेंं इनकी संख्या में इजाफा हुआ है। नतीजा यह हुआ कि शहर के अंदर चौराहों, प्रमुख सड़कों पर इनकी बेतरतीब पार्किंग से जाम लग जाता है, इससे लोगों को परेशानी होती है। इन चालकों को किसी भी नियम कानून का डर नहीं है।

वर्जन

जल्द ही अभियान चलाकर ऑटो और ई-रिक्शा का रूट निर्धारित किया जाएगा। बिना पंजीकरण के चल रहे वाहनों को सीज करने की कार्रवाई की जाएगी। -बृजेश कुमार, एआरटीओ



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