इटावा। पारंपरिक व्यवसाय से जुडे़ व्यक्तियों को प्रशिक्षण देने के साथ ही उसके ब्रांड का प्रमोशन और मार्केटिंग में भी सहयोग किया जाएगा। यह बात मंगलवार को कलक्ट्रेट सभागार में डीएम की अध्यक्षता में हुई बैठक में कही गई।
जीएम डीआईसी सुधरी कुमार ने बताया कि प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत हस्त शिल्पियों एवं कारीगरों को प्रोत्साहित किया जाएगा। यह योजना वित्तीय वर्ष 2027-28 तक संचालित रहेगी। शुभारंभ प्रधानमंत्री 17 सितंबर 2023 को करेंगे। लाभार्थियों को प्रशिक्षण देकर उनकी काय कुशलता को उत्कृष्ट बनाया जाएगा। उन्हें आधुनिक उपकरण भी उपलब्ध कराए जाएंगे।
ऋण उपलब्ध कराने के साथ-साथ डिजिटल लेनदेन में पारंगत करने के साथ ही ब्रांड प्रमोशन और मार्केटिंग में भी सहयोग किया जाएगा। यह योजना पंजीकरण के उपरांत त्रिस्तरीय सत्यापन और अनुमोदन के पश्चात पूर्ण होगी। अधिकारियों को निर्देशित करते हुए डीएम अवनीश राय ने कहा कि इस योजना से परंपरागत व्यवसाय में जुडे़ लोगों को लाभ होगा। इसलिए अधिक से अधिक पात्र व्यक्तियों का रजिस्ट्रेशन कराया जाए।
बताया कि योजना में रजिस्ट्रेशन सीएससी के माध्यम से कराया जाएगा। इसलिए सभी एसडीएम व तहसीलदार अपने अपने क्षेत्रों से संबंधित सीएससी संचालकों के साथ बैठक कर अधिक से अधिक लोगों के पंजीकरण के लिए प्रेरित करें। उन्हें हिदायत दें कि इस योजना के पंजीकरण के लिए कोई भी शुल्क सीएससी पर नहीं लिया जाएगा। शुल्क का भुगतान केंद्र सरकार की ओर से किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस योजना में पात्र लाभाथिर्यों को प्रशिक्षण आईटीआई में कौशल विकास के माध्यम से देने की तैयारी है।
प्रशिक्षण पूरा होने के बाद उन्हें 15 हजार का ट्रेनिंग ई-वाउचर दिया जाएगा। इसके अलावा उन्हें अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाने के लिए कम दरों पर लोन भी उपलब्ध कराया जाएगा। डीएम ने समस्त अधिकारियों को निर्देशित किया कि सकारात्मक सोच रखते हुए अधिक से अधिक पात्र लाभार्थियों को पंजीकरण कराकर लाभान्वित करें। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत स्वनिधि योजना में वह लाभार्थी भी पात्र होंगे, जिन्होंने प्रथम किस्त प्राप्त कर धनराशि वापस कर दी है और दूसरी किस्त नहीं ली है। इस दौरान अग्रणी बैंक प्रबंधक, समस्त तहसीलदार, समस्त बीडीओ, विभिन्न बैकों के प्रबंधक, नगर निकायों के ईओ आदि मौजूद रहे।