कल्याण सिंह ने 33 साल पहले अतरौली को जिला बनाने की लिखा-पढ़ी शुरू की थी। जिलाधिकारियों से रिपोर्ट मांगी गई थी। यह बात वर्ष 1992 की है। तब अलीगढ़ के अतरौली, बुलंदशहर के डिबाई और कासगंज (जो अब जिला है) को मिलाकर जिला बनाया जाना था। लेकिन उस वक्त विपक्षी दलों ने इसका विरोध किया। विवादित ढांचा गिरने के बाद सरकार भी गिर गई थी और अतरौली को जिला बनाने की बात परवान नहीं चढ़ पाई। अब कल्याण सिंह नगर के नाम से नया जिला बनाने की कसरत शुरू हुई है।
अलीगढ़ और आसपास के जिलों के बड़े इलाकों को लेकर नया जिला बनाने की कवायद 1992 में तब शुरू हुई थी जब कल्याण सिंह खुद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। तब उन्होंने स्वयं अतरौली नाम से नया जिला बनाने की पहल की थी।
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राजनीतिक विचारक और उस समय जनता दल के जिला महासचिव रहे योगेश शर्मा बताते हैं कि मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने तत्कालीन जिलाधिकारी को गोपनीय रिपोर्ट भेजने का प्रस्ताव दिया था। यह सूचना किसी तरह सार्वजनिक हो गई थी, जिसके बाद विपक्षी पार्टियों ने इस पहल का पुरजोर विरोध करना शुरू कर दिया। उस समय भी यह खबर अमर उजाला में ही प्रकाशित हुई थी। योगेश शर्मा बताते हैं कि मामला अभी चल ही रहा था कि दिसंबर 1992 में अयोध्या में विवादित ढांचा ध्वस्त हो गया। इस घटना के बाद कल्याण सिंह ने मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र दे दिया, इसके साथ ही अतरौली जिला बनाने वाली यह फाइल भी ठंडे बस्ते में चली गई।