
सोरोंजी के कादरवाडी में भट्टी पर गंगाजली तैयार करते श्रमिक।
सोरोंजी। तीर्थनगरी में महाशिवरात्रि पर्व के कांवड़ मेले की तैयारियां जोरों पर हैं। वहीं कांवडि़याें के लिए कांवड़ में गंगाजल भरने के लिए कांच की गंगाजली तैयार करने में कादरबाड़ी के मुस्लिम कारीगर दिन रात जुटे हैं। कांवडि़यों और कांवड़ का कारोबार करने वाले लोगों को जितना महाशिवरात्रि पर्व के आने का इंतजार रहता है ठीक उतना की इंतजार गंगाजली तैयार करने वाले मुस्लिम कारीगरों को रहता है।पर्व से कई माह पहले ही कारीगर कांच की गंगाजली बनाने में जुट जाते हैं। इस समय यह मुस्लिम कारीगर हिंदुओं की आस्था को महकाने के लिए गंगाजली तैयार कर रहे हैं। हिंदू-मुस्लिम सद्भाव के लिए तीर्थनगरी का कांवड़ मेला एक मिसाल भी है। कारीगर तपती आग की भट्ठियों में कांच को फूूंककर बोतलनुमा आकार देकर गंगाजली तैयार कर रहे हैं। गंगाजली बनाने का यह हुनर हर किसी के पास नहीं। केवल कादरबाड़ी के परिवारों पर ही यह हुनर है जो कई पीढिय़ों से इस कार्य में जुटे हैं। फिरोजाबाद से कांच लाकर कारीगर यहां भट्ठियां पर पकाते हैं और परंपरागत तरीके से कांच को गंगाजली का आकार देते हैं। 8-10 परिवार दिनरात गंगाजली तैयार करने में जुटे हैं। 20-25 हुनरमंद कारीगर यह गंगाजली भटि्ठयां पर तैयार कर रहे हैं। एक कारीगर दिनभर में 250-300 गंगाजली तैयार करता है। कांच की गंगाजली तीर्थनगरी सोरोंजी में ही नहीं बल्कि अलीगढ़, फर्रुखाबाद जनपद के गंगाघाट के कारोबारी भी यहां से लेकर जाते हैं।