Trains will run back and forth on same track in Gorakhpur

भारतीय रेल
– फोटो : शटरस्टॉक्स

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पूर्वोत्तर रेलवे में पहली बार अप्रैल-2024 से एक ही पटरी पर आगे-पीछे ट्रेनें दौड़ने लगेंगी। गोरखपुर से बस्ती तक ऑटोमेटिक सिग्नल सिस्टम का काम मार्च-2024 तक पूरा हो जाएगा। अप्रैल से सिग्नल की नई तकनीक से ट्रेनें चलाई जाएंगी। इस व्यवस्था के तहत ट्रेनों को चलाना और सुरक्षित हो जाएगा।

लोको पायलट को अब तीन की जगह चार सिग्नल दिखेंगे। हर एक किमी के दायरे में सिग्नल मिलने से ट्रेनें सरपट दौड़ेंगी। बिना नई पटरी बिछाए रेल प्रशासन ट्रेनों की संख्या आसानी से बढ़ा सकेगा।

अभी रेल खंडों पर एब्सलूट ब्लॉक सिग्नल सिस्टम चल रहा है। इसके तहत एक ब्लॉक सेक्शन में ट्रेन के अगले स्टेशन पर पहुंचने के बाद पीछे से आने वाली ट्रेन को हरा सिग्नल दिया जाता है। दो ट्रेनों के बीच आठ से दस किलोमीटर की दूरी होती है। इस वजह से पीछे से आने वाली ट्रेनें देरी की शिकार होती हैं। सिग्नल के इंतजार में ट्रेनें खड़ीं कर दी जाती हैं।

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ऑटोमेटिक ब्लॉक सिग्नलिंग सिस्टम को पूर्वाेत्तर रेलवे के सभी रूटों पर लगाया जाना है। पहले चरण में छपरा से बाराबंकी तक पूरा करना है। गोरखपुर से बस्ती के बीच तेजी से सिग्नल की व्यवस्था की जा रही है। साथ ही गोरखपुर से देवरिया के बीच भी ऑटोमेटिक सिग्नल सिस्टम लगाने का काम शुरू किया गया है।



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