
भारतीय केंचुओं ने ऑस्ट्रेलिया के केंचुओं को दी मात
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झांसी के केंद्रीय कृषि विवि ने जैविक खाद के बढ़ते प्रयोग को लेकर भारत और ऑस्ट्रेलिया के केंचुओं पर खाद बनाने को लेकर शोध किया। इस शोध में भारत के केंचुओं ने ऑस्ट्रेलिया के केंचुओं को पछाड़कर सबसे ज्यादा खाद बनाई। एक साल में भारतीय केंचुओं ने जहां 90 टन खाद का निर्माण किया।
वहीं ऑस्ट्रेलियन केंचुएं 40 टन खाद ही बना सके। विवि इस जैविक खाद को किसानों को देने के साथ ही अपने फार्म में उपयोग कर फल और सब्जी का उत्पादन कर रहा है। रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विवि किसानों को लगातार जैविक खेती करने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है।
यहां बनी वर्मी कंपोस्ट यूनिट में विवि से निकलने वाले कूड़े, घास, पत्ते, गाय के गोबर से खाद बनाई जाती है। पिछले साल विवि के कृषि वैज्ञानिकों ने दो नई वर्मी कंपोस्ट यूनिट तैयार कीं। इसमें एक यूनिट में खाद बनाने के लिए भारतीय केंचुओं को रखा गया और दूसरी में ऑस्ट्रेलियन केंचुओं को रखा गया।
एक साल बाद विवि के वैज्ञानिकों ने पाया कि वर्मी कंपोस्ट यूनिट में भारतीय केंचुओं ने ऑस्ट्रेलियन केंचुओं के मुकाबले तेजी से खाद बनाई। भारतीय केंचुओं ने एक साल में 90 टन खाद तैयार की है। वहीं, ऑस्ट्रेलियन केंचुए सुस्त निकले और 40 टन खाद ही बना पाए।