{“_id”:”679e414af066f2a55a0b8840″,”slug”:”expressed-happiness-over-income-tax-exemption-traders-said-gst-needs-improvement-2025-02-01″,”type”:”story”,”status”:”publish”,”title_hn”:”Budget 2025: आयकर में छूट पर जताई खुशी, व्यापारी बोले- जीएसटी में सुधार की जरूरत; तभी ग्राहकों को होगा फायदा”,”category”:{“title”:”City & states”,”title_hn”:”शहर और राज्य”,”slug”:”city-and-states”}}
आयकर – फोटो : अमर उजाला
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एटा में व्यापारी वर्ग और उद्यमियों के बीच बजट विशेष चर्चाओं में रहा। यूं तो आयकर में छूट बढ़ाए जाने का सभी ने दिल खोलकर स्वागत किया। लेकिन जीएसटी में सुधार की जरूरत भी उद्यमी-कारोबारी बताते रहे। उनका कहना है कि व्यापारियों को इन दोनों ही कर प्रक्रियाओं का समान रूप से सामना करना पड़ता है। आयकर में तो सरकार ने राहत दे दी। लेकिन जीएसटी में भी राहत की जरूरत है। इससे न सिर्फ व्यापारियों, उद्यमियों को लाभ मिलेगा, बल्कि दरें कम और सुधार होने पर आम ग्राहकों को भी काफी फायदा होगा।
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उद्यमी धर्मवीर सिंह गहलौत ने बताया कि बजट में 12 लाख रुपये तक की इनकम पर छूट स्वागत योग्य है। इससे मध्यम और सामान्य वर्ग के लोगों को काफी लाभ होगा। इसके अलावा वेतन प्राप्त करने वालों के लिए यह सीमा 12.75 लाख रुपये कर दी गई है। स्लैब बदलने से नई कर व्यवस्था अपनाने वालों को लाभ होगा। यह भी अच्छा है कि एमएसएमई के क्रेडिट कार्ड की सीमा भी बढ़ाकर 10 करोड़ कर दी गई है।
उद्यमी राकेश वार्ष्णेय ने बताया कि जिले में छोटे व्यापारी व मध्यम वर्ग के लिए ये एक अच्छा बजट है। छोटे व मझोले उद्योगों के लिए एसएसएसई के तहक क्रेडिट कार्ड की लिमिट 5 से 10 करोड़ करने से काफी लाभ होगा। इससे नए उद्यमी आगे आएंगे और रोजगार बढ़ेगा। कर में छूट सीमा बढ़ने से तो हर वर्ग को ही लाभ होगा। जीएसटी में सुधार की जरूरत है। सरकार को बजट में इस ओर भी ध्यान देना चाहिए था।
व्यापारी सुजीत देव वार्ष्णेय ने बताया कि मध्यम वर्ग के लिए जिस प्रकार से कर छूट का दायरा बढ़ाया गया है, वो काफी सराहनीय है। जीएसटी में सुधार की उम्मीद थी, मगर इसको लेकर कोई कदम नहीं उठाया गया है। सरकार को बजट में इस ओर ध्यान देने की जरूरत है। काफी समय से डीजल और पेट्रोल को भी इसके दायरे में लाने की बात चल रही है। लेकिन, इस बारे में भी कोई कदम नहीं उठाया गया है।
व्यापारी पुनीत ठाकुर ने बताया कि सरकार को व्यापारियों की समस्या को ध्यान में रखते हुए जीएसटी सेवाओं में सुधार करना चाहिए। जिससे कि ग्राहकों की संख्या बढ़े और आम आदमी को भी राहत मिले। डीजल-पेट्रोल अगर इसके दायरे में आ जाएंगे तो आम जनता को काफी लाभ होगा। कर छूट की सीमा बढ़ने से जरूर मध्यम वर्ग को फायदा होगा।