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रात में बुलडोजर से तोड़ा गया मकान
– फोटो : अमर उजाला
बरेली के बहेड़ी में नैनीताल फोरलेन हाईवे के किनारे बने बेशकीमती मकान पर कब्जा करने की नीयत से दबंगों ने बुलडोजर चलवा कर मकान को तोड़ दिया। मकान में सो रहे लोगों को हटाए बिना इस वारदात को अंजाम दिया गया। विरोध करने पर हथियारों व लाठी डंडों से लैस लोगों ने दहशत फैलाई। पथराव भी कर दिया। पुलिस के पहुंचने से पहले आरोपी मौके से फरार हो गए। पुलिस ने 12 नामजद व 20 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। मामला दो समुदायों से जुड़ा होने के चलते कस्बे का माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है।

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मौके पर पुलिसकर्मी तैनात
– फोटो : अमर उजाला
बहेड़ी कस्बे के मोहल्ला शिकोही नगर निवासी अफरोज बेगम ने पुलिस को बताया कि उसका एक बेशकीमती मकान हाईवे के किनारे बना हुआ है। इस मकान को वर्षों पहले खरीदा गया था। मकान पर हरिश्चंद्र पाल अवैध रूप से कब्जा करना चाहता है। बृहस्पतिवार की सुबह 6:30 बजे हरिश्चंद्र पाल अपने साथ 30 से अधिक लोगों को लेकर उसके मकान पर पहुंचा। उस वक्त घर के सभी लोग मकान में सो रहे थे।

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पुलिस अधिकारियों ने किया घटनास्थल का निरीक्षण
– फोटो : अमर उजाला
मकान के अंदर सो रहे चार लोग घायल
आरोपियों ने दो बुलडोजर से मकान को काफी हद तक क्षतिग्रस्त कर दिया। मकान के अंदर सो रहे चार लोग घायल हो गए। परिवार के लोगों ने जब विरोध किया तो हमलावरों ने पथराव कर दिया। हमलावर अवैध असलहों, लाठी-डंडों से लैस थे। घटना की सूचना मिलती ही सीओ अरुण कुमार सिंह, इंस्पेक्टर संजय तोमर दलबल के साथ मौके पर पहुंचे। मौके पर वीडियोग्राफी कराई और घायल हाजी सईद अहमद, नसीम अहमद, शिफा व अफरोज बेगम को इलाज के लिए सरकारी अस्पताल भिजवाया।

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मौके पर जुटे लोग
– फोटो : वीडियो ग्रैब
पीड़ित ने आरोप लगाया कि पिछले वर्ष आठ नवंबर को भी मकान पर कब्जे करने की नीयत से तोड़फोड़ की गई थी। अफरोज बेगम की तहरीर पर पुलिस ने मुख्य आरोपी हरिश्चंद्र पाल निवासी ग्राम शरीफ नगर हाल निवासी आर्य नगर, सुरेंद्र कुमार, टीकम सिंह, मनोज शर्मा, टीकम भाटी, मोहन सिंह, मोहम्मद आरिफ, अक्षय मंगलम, मंजूर अहमद, शारिक, आफताब, जावेद के अलावा 20 अज्ञात लोगों के खिलाफ पुलिस ने कई संगीन धाराओं में मामला दर्ज किया है।

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इसी मकान को तोड़ा गया
– फोटो : अमर उजाला
यह जमीन पिता के नाम अभिलेखों में दर्ज : हरिश्चंद्र पाल
आरोपी हरिश्चंद्र पाल का कहना है कि यह जमीन उसके पिता के नाम अभिलेखों में दर्ज है। अफरोज बेगम व उनके पुत्रों ने अवैध रूप से उनकी जमीन पर कब्जा कर निर्माण कार्य जारी कर रखा है, जबकि न्यायालय से उन्हें निर्माण करने के आदेश मिले थे।