कोंच। त्योहार स्लीपर बसों से आना जाना लोगों को भारी पड़ रहा है। यात्रियों को मजबूरी में दोगुना तक किराया देकर यात्रा पूरी करनी पड़ रही है।
एक तरफ सरकार रक्षाबंधन के त्योहार पर रोजबेज बसों में तीन दिन निशुल्क यात्रा करा रही है। वहीं, दूसरी ओर स्लीपर बसों में लोगों को त्योहार पर यात्रा करना भारी पड़ रहा है। त्योहार के पहले दिल्ली से कोंच आने के लिए आठ सौ की जगह दो हजार से ढाई हजार रुपये तक यात्रियों को किराया देना पड़ा। अब त्योहार के बाद कोंच से दिल्ली जाने के लिए आठ सौ की जगह पंद्रह सौ से लेकर दो हजार रुपये तक किराया देना पड़ रहा है। जो यात्रियों की जेब पर असर डाल रहा है। यही हाल कोंच से जयपुर के लिए जाने वाली स्लीपर बसों का रहा। कोंच से जयपुर के लिए सात सौ की जगह पंद्रह सौ तक का किराया देना पड़ रहा है। यात्रियों का कहना है कि मजबूरी में स्लीपर बसों में किराया दोगुना देना पड़ रहा है। त्योहार पर घर आए हैं तो वापस भी जाना पड़ रहा है।
मनमर्जी से वसूला जा रहा किराया
अजय कुशवाहा का कहना है कि स्लीपर बस वाले अपनी मनमर्जी से किराया वसूल रहे हैं। कोई कुछ कहने वाला नहीं है। यात्री मजबूरी में ज्यादा किराया देकर अपना सफर तय कर रहे है।
हर त्योहार पर चली है मनमर्जी
कोंच से जयपुर जा रहे पंकज कुमार का कहना है को हर त्योहार पर स्लीपर बसों में दोगुने से ज्यादा किराया वसूला जाता है। त्योहारों पर आना जाना बड़ा महंगा पड़ता है लेकिन मजबूरी है। जिम्मेदारी को ध्यान देकर वसूला जा रहा दोगुने किराए पर लगाम लगानी चाहिए।