Farmers have been waiting for their land back for 14 years patience is breaking matter stuck in the government

धरने पर किसान
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी

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आगरा की एत्मादपुर तहसील के गांव रहनकलां और रायपुर के किसानों का सब्र टूट रहा है। आगरा विकास प्राधिकरण ने मुआवजे के लिए किसानों को तमाम चक्कर कटवाए मगर मुआवजा नहीं दिया। छह माह पहले मुख्यमंत्री ने अफसरों को मीटिंग में फटकार लगाते हुए किसानों की जमीन वापस करने के निर्देश दिए थे। किसानों को उम्मीद बंधी थी कि जल्द न्याय मिलेगा। लेकिन मामला शासन में अटका है। इससे किसान धरने पर बैठ गए हैं।

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आगरा विकास प्राधिकरण ने वर्ष 2009 में जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की और वर्ष 2010 तक जमीनों पर कब्जा ले लिया। किसान जमीन पर खेती करते रहे, जब एडीए के अफसरों ने रोक-टोक की तो उन्होंने कई बार आंदोलन किए। कई माह तक धरना भी चला मगर मांग पूरी नहीं हुई। लोकसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री ने आगरा मंडल के अफसरों से कहा कि किसानों को न्याय दें। मुआवजा नहीं दे सकते हैं तो उनकी जमीन को वापस कर दें। इसके बाद करीब दो माह पहले आगरा विकास प्राधिकरण ने जमीन वापसी की प्रक्रिया के लिए प्रस्ताव पास करके शासन को भेजा। तबसे प्रस्ताव शासन में लंबित है। किसान नेता प्रदीप शर्मा का कहना है कि किसानों को सम्मान निधि तक नहीं मिल पाती है। क्या करें, कब तक सब्र किया जाए।

किसानों को न्याय दिलाएंगे: धर्मपाल

एत्मादपुर के विधायक डॉ. धर्मपाल सिंह का कहना है कि उन्हें किसानों के धरने पर बैठने की जानकारी मिली है। कुछ समय तो लग सकता है मगर किसानों को उनकी भूमि वापस मिलेगी। उन्होंने पहले भी मुख्यमंत्री से पैरवी की थी। वह फिर मुख्यमंत्री से मुलाकात कर जल्द निस्तारण की मांग करेंगे।

एक्सप्रेस-वे पर फंसे पर्यटकों के वाहन

आगरा। किसानों ने इनर रिंग रोड पर जाम लगाया। नए साल की छुट्टियों में हरियाणा और दिल्ली से बड़ी संख्या में पर्यटक अपने वाहनों से ताजमहल देखने आते हैं। जब वह सुबह इनर रिंग रोड पर रहनकला के टोल पर पहुंचे तो जाम में फंस गए। काफी देर बाद पुलिस ने उन्हें आगरा की ओर निकाला। रमाडा कट की ओर से रोड पर जाम लगा था। ताजमहल पहुंचे गुरुग्राम के हरजिंदर सिंह ने बताया कि इनर रिंग रोड से ताजमहल तक पहुंचने में दो घंटे लग गए। इसी तरह शाम को ताज देखकर रमाडा की ओर से यमुना एक्सप्रेस-वे होकर जाने के लिए निकले पर्यटकों को पुलिस ने डायवर्ट करके गुजारा। धरने में सिस्टम सुधार संगठन के अंशुमन ठाकुर, भारतीय किसान यूनियन भानू के पावन सैंथिया, अन्य किसान संगठन के पदाधिकारी सहित प्रभावित किसान और उनके घर की महिलाएं व बच्चे शामिल हैं।

 



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