Farmers loss of Rs 481 crore in this year sugar mills prepare to close the crushing season

फाइल फोटो

विस्तार


बरेली मंडल के गन्ना किसानों की आमदनी को बाढ़ और बीमारी की वजह से इस बार 481 करोड़ से अधिक की चोट लगने का अंदेशा है। पेराई में चीनी मिलें बीते साल के आंकड़े को नहीं छू पा रही हैं। चीनी मिलों का चक्का आए दिन नो-केन (गन्ना उपलब्ध न होने पर) में रुक रहा है। इसलिए चीनी मिलों ने पेराई सत्र के समापन की तैयारी कर ली है। कई चीनी मिलों ने पेराई सत्र बंद करने के लिए तिथियां भी प्रस्तावित कर दी हैं।

Trending Videos

बरेली के गन्ना परिक्षेत्र में 17 चीनी मिलें हैं। बीते साल इन मिलों ने नौ करोड़ 97 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई पूरे सत्र में की थी। खेत में मौजूद गन्ने को देखते हुए चीनी मिलों ने जो अनुमान लगाए हैं। उनके आकड़ों को समन्वित करने पर आठ करोड़ 60 लाख क्विंटल पेराई का अनुमान था। इस अनुमान से किसानों की आमदनी घटी है। अगर समर्थन मूल्य 370 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से इसकी कीमत निकाली जाए तो 481 करोड़ रुपये की चोट किसानों को लग रही है। 

ये भी पढ़ें- बरेली विस्फोट मामला: मांझा बनाने के दौरान उड़े थे तीन लोगों के चीथड़े, अब मृतकों पर ही रिपोर्ट दर्ज; जांच शुरू

गन्ने का उत्पादन घटने की वजह से पेराई सत्र बीते साल की तुलना में पहले ही समाप्त करने  की नौबत है। बरेली जिले के नवाबगंज और बहेड़ी की चीनी मिलों में आए दिन गन्ना न होने से पेराई ठप हो रही है। 



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *