मोंठ। नवीन तहसील परिसर में चल रहा किसानों का धरना दूसरे दिन शनिवार एसडीएम के आश्वासन के बाद समाप्त हो गया। इस दौरान प्रशासन की ओर से किसानों को उनकी विभिन्न मांगों पर कार्यवाही का भरोसा दिया गया।

शुक्रवार को तहसील परिसर में किसानों ने किसान नेता सुरजीत राजपूत के नेतृत्व में धरना-प्रदर्शन शुरू किया था, जो दूसरे दिन शनिवार शाम तक जारी रहा। इस दौरान किसानों ने बीमा कंपनियों और बैंक कर्मियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि मोंठ क्षेत्र में अधिकांश किसानों ने धान की खेती की थी, लेकिन बीमा दस्तावेजों में बिना सहमति के तिल, उर्द और मूंगफली जैसी फसलें दर्ज कर दी गईं। किसानों का कहना है कि यह स्पष्ट बीमा घोटाला है, जिससे उन्हें वास्तविक नुकसान की भरपाई नहीं मिल पाएगी। बीमा कंपनी व संबंधित एजेंसी के लोग खेतों पर जाकर फसल का भौतिक सत्यापन नहीं करते हैं। अपने मन मुताबिक कागजों में फसल लिख देते हैं। इस दौरान बीमा कंपनी के एजेंटों और प्रशासनिक अधिकारियों ने कई बार किसानों से वार्ता की कोशिश की, लेकिन किसानों ने कहा कि जब तक लिखित आश्वासन मिलने तक वे धरना खत्म नहीं करेंगे। शनिवार की सुबह राष्ट्रभक्त किसान संगठन ने भी आंदोलन का समर्थन में उतर आया, जिससे प्रदर्शन और अधिक तेज हो गया।

शनिवार की शाम एसडीएम अवनीश तिवारी ने बीमा कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ धरनास्थल पहुंचकर किसानों से वार्ता की। एसडीएम ने किसानों को आश्वासन दिया कि सभी शिकायतों का समाधान प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा और बीमा कंपनियों द्वारा किए गए बीमा की जांच कराई जाएगी। इसके बाद किसानों ने धरना समाप्त कर दिया। उन्होंने चेतावनी दी कि मांगे न माने जाने पर वे बड़ा आंदोलन करेंगे।

इस मौके पर उमाशंकर राजपूत जिलाध्यक्ष किसान मोर्चा, दिनेश राजपूत, मुकेश राजपूत, जीतू राजपूत नंदसिया, पारस पाल, मलखान सिंह, एपी माते, अमर सिंह, पुरुषोत्तम नारायण, जीतू, अमरसिंह आदि समेत कई गांवों के किसान मौजूद रहे।



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