ऑक्सीजन न मिलने से व्यापारी की मौत के मामले में गुरुवार को जांच कमेटी ने बयान दर्ज किए। इलाज में देरी, डॉक्टर व फार्मासिस्ट के इमरजेंसी में मौजूद न मिलने और संसाधन होने के बाद भी इलाज में उपयोग न किए जाने पर डॉक्टर व फार्मासिस्ट के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति की गई है। जांच रिपोर्ट सीएमओ को सौंप दी है।
नवाबगंज कस्बा निवासी व्यापारी नन्हें लाल की 25 नवंबर को सीएचसी नवाबगंज में ऑक्सीजन न मिलने से मौत हो गई थी। मामले की जांच के लिए सीएमओ ने कमेटी गठित की है। बुधवार को कमेटी के अध्यक्ष एसीएमओ डॉ. सर्वेश यादव और डिप्टी सीएमओ डॉ. आरसी माथुर ने सीएचसी पहुंचकर जांच की थी। वहां न तो फार्मासिस्ट मिले और न ही डॉक्टर मिले थे। इस पर कमेटी ने उन्हें बयान दर्ज कराने के लिए सीएमओ कार्यालय में बुलाया था।
फार्मासिस्ट सर्वेश श्रीवास्तव व वार्ड बॉय नितिन गुप्ता ने बयान दर्ज कराए। डिप्टी सीएमओ डॉ. आरसी माथुर ने बताया कि वार्ड बॉय ने उन्हें जानकारी दी है कि नन्हें लाल को शाम 5.30 बजे गंभीर हालत में परिजन लेकर आए थे। परिजन ने कहा कि इन्हें ऑक्सीजन जल्दी लगाओ। अस्पताल परिसर में ही स्थित सरकारी आवास से फार्मासिस्ट को बुलाया था। फार्मासिस्ट ने हालत गंभीर होने से 5.50 बजे रेफर कर दिया। फिर एंबुलेंस से ले जाने के लिए उन्होंने 108 नवंबर पर फोन करने के लिए कहा। इस पर नन्हें लाल के पुत्र ने उसके साथ गालीगलौज कर हाथापाई की। सीएचसी में डॉक्टर के मौजूद न होने पर उन्हें भी फोन कर बुलाया गया था।
एसीएमओ डॉ. सर्वेश यादव ने बताया कि मरीज पहुंचने के दौरान डॉक्टर और फार्मासिस्ट का मौजूद न होना गंभीर मामला है। अस्पताल में ऑक्सीजन भी मौजूद थी लेकिन समय से मरीज को नहीं लगाई गई। अस्पताल में संसाधन मौजूद होने के बावजूद इलाज में लापरवाही बरती गई। उन्होंने बिना जानकारी दिए सीएचसी प्रभारी के अवकाश पर जाने, ड्यूटी के दौरान दूसरे डॉक्टर के मौजूद न होने और फार्मासिस्ट के इमरजेंसी के बजाय आवास पर होने के मामले में उन्होंने तीनों को हटाने व कार्रवाई की संस्तुति की है।
